साक्षात्कार की मौजूदा प्रक्रिया मैन्युएल है। इसके तहत अभ्यर्थियोंको काल्पनिक रोल नंबर मिलते हैं। बोर्ड सदस्य और विशेषज्ञों को भी अभ्यर्थी के नाम,पते और अन्य जानकारियां नहीं होती हैं। लेकिन साक्षात्कार बोर्ड की जानकारी पता चलनेे पर कई अभ्यर्थी अपने सियासी रसूखात से अध्यक्ष और सदस्यों-विशेषज्ञों को अप्रोच करने से नहीं चूकते हैं। लिहाजा आयोग ऑनस्क्रीन मार्र्किंग की व्यवस्था के साथ कंप्यूटरीकृत बार कोड सिस्टम की शुरुआत करने की योजना बनाई है।
ऐसे काम करेगा बार कोड: एफएक्यू – साक्षात्कार से पहले अभ्यर्थियों को मिलेंगे बार कोड स्लिप
-इंटरव्यू बोर्ड में रखी जाएगी विशेष स्कैन मशीन -साक्षात्कार से पहले अभ्यर्थी दिखाएंगे मशीन पर बार कोड स्लिप
-बार कोड दिखाने पर सदस्य-विशेषज्ञ के आईपैड/लेपटॉप होंगे एक्टिवेट
-इंटरव्यू बोर्ड में रखी जाएगी विशेष स्कैन मशीन -साक्षात्कार से पहले अभ्यर्थी दिखाएंगे मशीन पर बार कोड स्लिप
-बार कोड दिखाने पर सदस्य-विशेषज्ञ के आईपैड/लेपटॉप होंगे एक्टिवेट
-साक्षात्कार में दिए जाएंगे ऑनस्क्रीन माक्र्स
-बार कोड गोपनीय लिफाफे में भेजे जाएंगे सीधे कंप्यूटर विभाग में उप्रेती पहले कस चुके लगाम
पूर्व अध्यक्ष दीपक उप्रेती सौ नंबर के साक्षात्कार को कई श्रेणी में विभक्त कर काफी हद तक सदस्यों के एकाधिकार को खत्म कर चुके हैं। उनके लागू किए फार्मूलेे के अनुसार अब अभ्यर्थियों के संवीक्षा परीक्षा के प्राप्तांकों का चालीस प्रतिशत (40 अंक), अकादमिक योग्यता के 20 अंक और साक्षात्कार के 40 अंक रखे गए हैं। अकादमिक योग्यता के 20 अंकों को भी विभक्त किया गया है। इसमें विशिष्ट योग्यता (75 प्रतिशत), प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी और केवल उत्तीर्ण की श्रेणी शामिल है। यानि साक्षात्कार में सदस्य-विशेषज्ञों के हाथ मेें सिर्फ 40 अंक ही रखे गए हैं।
-बार कोड गोपनीय लिफाफे में भेजे जाएंगे सीधे कंप्यूटर विभाग में उप्रेती पहले कस चुके लगाम
पूर्व अध्यक्ष दीपक उप्रेती सौ नंबर के साक्षात्कार को कई श्रेणी में विभक्त कर काफी हद तक सदस्यों के एकाधिकार को खत्म कर चुके हैं। उनके लागू किए फार्मूलेे के अनुसार अब अभ्यर्थियों के संवीक्षा परीक्षा के प्राप्तांकों का चालीस प्रतिशत (40 अंक), अकादमिक योग्यता के 20 अंक और साक्षात्कार के 40 अंक रखे गए हैं। अकादमिक योग्यता के 20 अंकों को भी विभक्त किया गया है। इसमें विशिष्ट योग्यता (75 प्रतिशत), प्रथम श्रेणी, द्वितीय श्रेणी और केवल उत्तीर्ण की श्रेणी शामिल है। यानि साक्षात्कार में सदस्य-विशेषज्ञों के हाथ मेें सिर्फ 40 अंक ही रखे गए हैं।
इंटरव्यू को फुल प्रूफ बनाने के लिए बार कोड स्लिप लागू करेंगे। इस बार कोड से ही अभ्यर्थी का इंटरव्यू शुरू होगा। बड़ा फायदा त्वरित रिजल्ट तैयारी में मिलेगा। बार कोड इंटरव्यू के बाद सीधे कंप्यूटर विभाग के गोपनीय लॉकर में बंद रहेंगे। बोर्ड और अभ्यर्थियों के बीच कोई जान-पहचान जैसी गुंजाइश पूरी तरह खत्म होगी।
डॉ.शिवसिंह राठौड़, कार्यवाहक अध्यक्ष आरपीएससी
डॉ.शिवसिंह राठौड़, कार्यवाहक अध्यक्ष आरपीएससी