राजस्थान लोक सेवा आयोग ने सहायक अभियंता प्रतियोगी परीक्षा (मुख्य)-2018 के असफल अभ्यर्थियों को प्राप्तांकों की पुन: गणना की सुविधा दी है। अभ्यर्थी 7 से 27 अप्रेल तक पुन: गणना करा सकेंगे। सचिव शुभम चौधरी ने बताया कि मुख्य परीक्षा का परिणाम 4 मार्च 2021 को जारी प्राप्तांकों की असफल अभ्यर्थी पुन: गणना करा सकेंगे। अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिकाओं में प्राप्तांकों की पुन:गणना के लिए वेब से प्राप्तांकों की प्रिंट कॉपी के साथ सादा कागज पर प्रार्थना पत्र पेश करना होगा।
साथ ही सचिव के नाम प्रति प्रश्न 25 रुपए फीस भारतीय पोस्टल ऑर्डर संलग्न करना होगा। पुन: गणना आवेदन की सुविधा 27 अप्रेल तक मिलेगी। प्रार्थना पत्र में पुन:गणना के विषयों का उल्लेख और प्रश्नों के अनुसार शुल्क प्रस्तुत करना होगा। उत्तर पुस्तिकाओं के पुन: परीक्षण की सुविधा देय नहीं होगी।
साथ ही सचिव के नाम प्रति प्रश्न 25 रुपए फीस भारतीय पोस्टल ऑर्डर संलग्न करना होगा। पुन: गणना आवेदन की सुविधा 27 अप्रेल तक मिलेगी। प्रार्थना पत्र में पुन:गणना के विषयों का उल्लेख और प्रश्नों के अनुसार शुल्क प्रस्तुत करना होगा। उत्तर पुस्तिकाओं के पुन: परीक्षण की सुविधा देय नहीं होगी।
कॉलेज में प्रथम और द्वितीय वर्ष की कक्षाएं पर रोक अजमेर. राज्य के कॉलेज में प्रथम और द्वितीय वर्ष सहित स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध की कक्षाएं रोक दी गई हैं। केवल स्नातक तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को ही बुलाया गया है। उधर महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा विभाग के आदेश नहीं आने से कक्षाएं जारी हैं।
राज्य में कोरोना संक्रमण बढऩे से उच्च शिक्षा विभाग ने प्रथम, द्वितीय वर्ष और स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध की कक्षाएं बंद करने के निर्देश दिए हैं। इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को नहीं बुलाया गया है। हालांकि प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी परिजनों की लिखित सहमति से प्रायोगिक कार्यों के लिए कॉलेज आने को कहा गया है।
विवि में नहीं आए आदेश!
गृह विभाग के आदेश पर जहां कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने कक्षाओं को लेकर आदेश जारी कर दिए। वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के मामले में फैसला नहीं लिया है। जबकि विश्वविद्यालयों में भी स्नातक और स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध की कक्षाएं चलती हैं। विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव एकदूसरे से पूछताछ करने में जुटे हैं।
गृह विभाग के आदेश पर जहां कॉलेज शिक्षा निदेशालय ने कक्षाओं को लेकर आदेश जारी कर दिए। वहीं उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के मामले में फैसला नहीं लिया है। जबकि विश्वविद्यालयों में भी स्नातक और स्नातकोत्तर पूर्वाद्र्ध की कक्षाएं चलती हैं। विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव एकदूसरे से पूछताछ करने में जुटे हैं।