आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती ने 23 जुलाई 2018 को कार्यभार सम्भाला था। आयोग के नियमानुसार अध्यक्ष अथवा सदस्य 62 साल की उम्र तक ही पद पर रह सकते हैं। इस लिहाज से उप्रेती का कार्यकाल 14 अक्टूबर को पूरा हो जाएगा।
भाजपा राज में दो बार रिक्त रहा पद
भाजपा राज में आयोग में अध्यक्ष पद दो बार रिक्त रहा था। 10 जुलाई 2017 को डॉ. ललित. के. पंवार के बाद सरकार ने आयोग के सदस्य श्याम सुंदर शर्मा को अध्यक्ष नियुक्त किया। शर्मा का कार्यकाल 28 सितम्बर 2017 को खत्म हो गया। इसके बाद ढाई महीने तक अध्यक्ष पद रिक्त रहा। बाद में सरकार ने 18 दिसंबर को डॉ. राधेश्याम गर्ग को अध्यक्ष बनाया। डॉ. गर्ग का 1 मई को कार्यकाल खत्म होने के बाद 82 दिन अध्यक्ष पद रिक्त रहा था।
भाजपा राज में आयोग में अध्यक्ष पद दो बार रिक्त रहा था। 10 जुलाई 2017 को डॉ. ललित. के. पंवार के बाद सरकार ने आयोग के सदस्य श्याम सुंदर शर्मा को अध्यक्ष नियुक्त किया। शर्मा का कार्यकाल 28 सितम्बर 2017 को खत्म हो गया। इसके बाद ढाई महीने तक अध्यक्ष पद रिक्त रहा। बाद में सरकार ने 18 दिसंबर को डॉ. राधेश्याम गर्ग को अध्यक्ष बनाया। डॉ. गर्ग का 1 मई को कार्यकाल खत्म होने के बाद 82 दिन अध्यक्ष पद रिक्त रहा था।
स्थाई अध्यक्ष या वरिष्ठ सदस्य को जिम्मेदारी
नियमानुसार आयोग के स्थाई अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने पर वरिष्ठ सदस्य को पदभार देने की परम्परा रही है। मौजूदा अध्यक्ष दीपक उप्रेती के पद पर रहते सरकार को नया स्थाई अध्यक्ष ढूंढना होगा। स्थाई अध्यक्ष की तैनाती नहीं करने पर वरिष्ठ सदस्य को पदभार सौंपने पर विचार करना होगा।
नियमानुसार आयोग के स्थाई अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने पर वरिष्ठ सदस्य को पदभार देने की परम्परा रही है। मौजूदा अध्यक्ष दीपक उप्रेती के पद पर रहते सरकार को नया स्थाई अध्यक्ष ढूंढना होगा। स्थाई अध्यक्ष की तैनाती नहीं करने पर वरिष्ठ सदस्य को पदभार सौंपने पर विचार करना होगा।
सदस्यों के चार पद रिक्त
आयोग में मौजूदा समय डॉ. शिवसिंह राठौड़, राजकुमारी गुर्जर और डॉ. रामूराम राईका ही सदस्य हैं। सरकार को चार नए सदस्यों की नियुक्ति भी करनी होगी। उप्रेती के अध्यक्ष रहने तक आयोग और सरकार को ज्यादा दिक्कतें नहीं है। लेकिन 15 अक्टूबर तक कोई नियुक्ति नहीं हुई तो साक्षात्कार, भर्तियों में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं।
आयोग में मौजूदा समय डॉ. शिवसिंह राठौड़, राजकुमारी गुर्जर और डॉ. रामूराम राईका ही सदस्य हैं। सरकार को चार नए सदस्यों की नियुक्ति भी करनी होगी। उप्रेती के अध्यक्ष रहने तक आयोग और सरकार को ज्यादा दिक्कतें नहीं है। लेकिन 15 अक्टूबर तक कोई नियुक्ति नहीं हुई तो साक्षात्कार, भर्तियों में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं।
जोधपुर और जयपुर के बीच फंसा कुलपति पद अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का कुलपति पद पर जोधपुर और जयपुर के बीच फंस गया है। लगातार नवें दिन राजभवन और सरकार एकराय होते नहीं दिखे। राजभवन जयपुर क्षेत्र के किसी विवि के कुलपति को कार्यभार सौंपने का पक्षधर है। वहीं सरकार ने जोधपुर के जयनारायण विवि के कुलपति का नाम भेजा है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार से परामर्श के बाद 10 सितंबर को आर. पी. सिंह को निलंबित किया था। सरकार ने जयनाराण व्यास यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. पी. सी.त्रिवेदी को कार्यभार सौंपने के लिए पत्रावली भेजी थी। लेकिन राजभवन ने कोई फैसला लिया है।