कार्मिक विभाग ने 23 जून 2019 को पत्र जारी कर प्रक्रियाधीन भर्ती में अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के आरक्षण एक से बढ़ाकर पांच प्रतिशत किया था। राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा- 2018 (नॉन टीएसपी) का 2 अप्रेल 2018 को विज्ञापन जारी किया गया था।
कार्मिक विभाग से प्राप्त नवीन संशोधित 34 पदों को शामिल कर वर्गवार वर्गीकरण जारी किया गया है।
एमबीसी वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने ओबीसी वर्ग में आवेदन किया और प्रारंभिक परीक्षा में सफल होकर मुख्य परीक्षा में बैठे। इन अभ्यर्थियों को ओबीसी से एमबीसी वर्ग में ऑनलाइन संशोधन करने का अवसर दिया गया है। मालूम हो कि पूर्व में आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2018 में 1017 पद थे। एमबीसी में चार प्रतिशत आरक्षण लागू होने के बाद अब पदों की संख्या बढ़कर 1051 हो गई है।
एमबीसी वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने ओबीसी वर्ग में आवेदन किया और प्रारंभिक परीक्षा में सफल होकर मुख्य परीक्षा में बैठे। इन अभ्यर्थियों को ओबीसी से एमबीसी वर्ग में ऑनलाइन संशोधन करने का अवसर दिया गया है। मालूम हो कि पूर्व में आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2018 में 1017 पद थे। एमबीसी में चार प्रतिशत आरक्षण लागू होने के बाद अब पदों की संख्या बढ़कर 1051 हो गई है।
READ MORE: MDSU: स्टूडेंट्स को मिलेंगे स्मार्ट क्लासरूम, फुटबॉल मैदान और एथलेटिक्स ट्रेक नहीं लग पाया कोई स्टार्ट अप, जानते तक नहीं इस सेंटर को रक्तिम तिवारी/अजमेर. राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेज में टेक्नोक्रेट्स के लिए बनाए गए इनक्यूबेशन सेंटर की हालत ‘ठीकÓ नहीं है। दूसरे शहरों की तरह अजमेर के महिला इंजीनियरिंग कॉलेज का सेंटर भी खस्ताहाल है। ना किसी छात्रा ने स्टार्ट अप लगाया ना शहर की अन्य संस्थानों के कदम सेंटर की तरफ बढ़े हैं।
तकनीकी शिक्षा विभाग ने चार साल पहले स्टार्टअप ओएसिस के साथ एमओयू किया था। प्रत्येक संभाग मुख्यालय पर इनक्यूबेशन सेंटर खोला गया। अजमेर का महिला इंजीनियरिंग कॉलेज भी इसमें शामिल है। तत्कालीन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने केंद्र का लोकार्पण किया था।
दो साल में नहीं लगा एक भी स्टार्ट अप
इनक्यूबेशन सेंटर में कंप्यूटर, टीवी, कुर्सियां, टेबल, प्रोजेक्टर, माइक सेट और अन्य उपकरण लगे हैं। सेंटर का मकसद छात्राओं को छोटे अथवा बड़े स्टार्ट अप (उद्यम की शुरुआत), कॅरियर के लिए नि:शुल्क मार्गदर्शन देना है। इनमें आइडिया स्ट्रोम, ट्रेड स्टार्ट कनेक्ट, फाउन्डेशन वर्कशॉप, स्टार्ट अप हेल्प और अन्य गतिविधियां संचालित हैं। सेंटर में छात्राओं ने मार्गदर्शन तो लिया पर किसी ने स्टार्ट अप नहीं लगाया है।
इनक्यूबेशन सेंटर में कंप्यूटर, टीवी, कुर्सियां, टेबल, प्रोजेक्टर, माइक सेट और अन्य उपकरण लगे हैं। सेंटर का मकसद छात्राओं को छोटे अथवा बड़े स्टार्ट अप (उद्यम की शुरुआत), कॅरियर के लिए नि:शुल्क मार्गदर्शन देना है। इनमें आइडिया स्ट्रोम, ट्रेड स्टार्ट कनेक्ट, फाउन्डेशन वर्कशॉप, स्टार्ट अप हेल्प और अन्य गतिविधियां संचालित हैं। सेंटर में छात्राओं ने मार्गदर्शन तो लिया पर किसी ने स्टार्ट अप नहीं लगाया है।