राजस्थान लोक सेवा आयोग ने पशु चिकित्सा अधिकारी और पुस्तकालयाध्यक्ष द्वितीय श्रेणी संवीक्षा परीक्षा- 2019 और प्राध्यापक (संस्कृत शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2018 में शामिल अभ्यर्थियों को ऑनलाइन संशोधन का विकल्प दिया है। अभ्यर्थी 17 से 26 अगस्त तक संशोधन कर सकेंगे।
संयुक्त सचिव नीतू यादव ने बताया कि शु चिकित्सा अधिकारी (पशुपालन विभाग), पुस्तकालयाध्यक्ष द्वितीय श्रेणी (भाषा एवं पुस्तकालय विभाग) संवीक्षा परीक्षा- 2019 का आयोजन 2 अगस्त को हुआ था। प्राध्यापक (संस्कृत सिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2018 का आयोजन 4 से 7 अगस्त तक हुआ था। अभ्यर्थियों को 17 से 26 अगस्त तक आवेदन में ऑनलाइन संशोधन का विकल्प दिया गया है।
अभ्यर्थी नाम, परीक्षा केन्द्र, फोटो, हस्ताक्षर एवं विषय के अतिरिक्त सभी प्रकार के संशोधन ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके लिए ई-मित्र, ऑनलाइन बैंकिंग से 300 रुपए शुल्क देना होगा। ऑफ लाइन संशोधन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। संशोधन परीक्षा के लिए जारी विज्ञापन में उल्लेखित पात्रता की शर्तों के अनुरूप होंगे।
इधर तृतीय वर्ष तो उधर सप्लीमेंट्री परीक्षा का इंतजार अजमेर. कोरोना संक्रमण के चलते परीक्षाओं पर संकट कायम है। एक तरफ महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्याल से सम्बद्ध कॉलेज विद्यार्थियों को बीए, बीएससी और बी.कॉम तृतीय वर्ष की परीक्षाओं का इंतजार है। वहीं सीबीएसई की बारहवीं और दसवीं के विद्यार्थियों की निगाहें सप्लीमेंट्री परीक्षा पर टिकी हैं।
सीबीएसई की दसवीं-बारहवीं की मुख्य परीक्षा में कम नंबर आने पर विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री परीक्षा में शामिल किया जाता है। अजमेर रीजन में इस बार बारहवीं में 10 हजार 361 विद्यार्थियों के सप्लीमेंट्री आई है। दसवीं में 3 हजार 559 विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री के योग्य माना गया है। बारहवीं के सभी विषयों की सप्लीमेंट्री परीक्षा एक ही दिन में होती हैं। दसवीं की विषयवार श्रेणी सुधार/पूरक परीक्षा एक सप्ताह तक चलती है।
तृतीय वर्ष की परीक्षाओं पर असमंजस महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेज में बीए, बीएससी और बी.कॉम पार्ट तृतीय की परीक्षाएं कराई जानी हैं। यूजीसी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक स्नातक तृतीय वर्ष परीक्षाएं कराने को कहा है। कुछ विद्यार्थियों ने कोरोना संक्रमण के बीच परीक्षाएं कराने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाई है।