आयोग आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा सहित कॉलेज लेक्चरर, स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा, कृषि, कारागार, कनिष्ठ लेखाकार और अन्य भर्ती परीक्षाएं कराता रहा है। कार्मिक विभाग, संबंधित विभाग और सरकार से अभ्यर्थना, पदों का वर्गीकरण मिलने के बाद परीक्षाएं होती हैं। कई मामलों में आयोग की परीक्षा तिथियां कलैंडर संघ लोक सेवा आयोग, विश्वविद्यालयों और अन्य एजेंसी से टकराती रहीं है।
उप्रेती चाहते हैं नवाचार आयोग अध्यक्ष उप्रेती नियमित भर्ती परीक्षा कलैंडर को लेकर काफी गंभीर हैं। वे इसमें नवाचार करना चाहते हैं। आयोग ने कार्मिक विभाग और भर्ती अभ्यर्थना भेजने वाले सरकारी महकमों से बातचीत शुरू की है। योजनान्तर्गत कार्मिक विभाग से अभ्यर्थना मंगवाने, विभागवार पदों के वर्गीकरण निर्धारण के लिए निश्चित समय सीमा तय होगी। अभ्यर्थना मंगवाने का भी एक कार्यक्रम बनाया जाएगा।
पोर्टल से हटाया पुराना भर्ती कलैंडर आयोग ने वेब पोर्टल से दो साल पुराना भर्ती कलैंडर हटा दिया है। इसमें 2016 तक परीक्षाओं की तिथियां शामिल थी। आयोग अब यूपीएससी की तरह मॉडल कलैंडर तैयार करना चहता है। संघ लोक सेवा आयोग का भर्ती कलैंडर पूरे देश में मॉडल माना जाता है। वह प्रतिवर्ष नियमित परीक्षाएं कराता है। इनमें आईएएस एवं अधीनस्थ सेवाओं की परीक्षाएं शामिल है। इसका कलैंडर प्रतिवर्ष नवम्बर-दिसम्बर तक वेबपोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है। दूसरे प्रदेशों के लोक सेवा आयोग इसके अनुसार अपनी भर्ती परीक्षाओं की तिथियां-कलैंडर तय करते हैं।
भेजेंगे सटीक जवाब.. कार्मिक विभाग से मिलने वाली अभ्यर्थनाओं का आयोग परीक्षण करता है। पदों की समीक्षा, वर्गीकरण और अन्य तकनीक पहलुओं पर चर्चा के बाद भर्ती विज्ञापन निकाले जाते हैं। कई बार आयोग संबंधित विभागों से पदों के वर्गीकरण और तकनीकी मामलों में जवाब मांगता है। इससे भी भर्तियां मिलने, विज्ञापन जारी होने और परीक्षा कराने में देरी होती है। अध्यक्ष उप्रेती ने आयोग अधिकारियों को विभागों को सटीक जवाब भेजने को लेकर भी विशेष निर्देश दिए हैं।ताकि आयोग की तरफ से भर्तियों में कोई विलम्ब नहीं हो।