आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा में दो गुणा अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने से जुड़ी कविता गोदारा की याचिका पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते वर्ष दिसंबर में पदों के न्यूनतम अर्हता अंक तय करने और दो गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के आदेश दिए थे। साथ ही 9 जुलाई 2020 को घोषित मुख्य परीक्षा परिणाम को रद्द करते हुए संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे। आयोग के फुल कमीशन ने एकल पीठ के फैसले को खंडपीठ में चुनौती दी थी।
आयोग ने दिए यह तर्क
राज्य सरकार के एजी और आयोग के अधिवक्ता मिर्जा फैजल बेग ने हाईकार्ट में तर्क रखे। इसमें कहा गया कि आरएएस 2018 का परिणाम नियमानुसार जारी किया गया है। एकल पीठ के फैसले की पालना करने पर साक्षात्कार में 700 अभ्यर्थियों को अधिक बुलाना पड़ेगा। इससे ना केवल चयन प्रक्रिया में देरी होगी, बल्कि आरएएस जैसी प्रतिष्ठित भर्ती की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
राज्य सरकार के एजी और आयोग के अधिवक्ता मिर्जा फैजल बेग ने हाईकार्ट में तर्क रखे। इसमें कहा गया कि आरएएस 2018 का परिणाम नियमानुसार जारी किया गया है। एकल पीठ के फैसले की पालना करने पर साक्षात्कार में 700 अभ्यर्थियों को अधिक बुलाना पड़ेगा। इससे ना केवल चयन प्रक्रिया में देरी होगी, बल्कि आरएएस जैसी प्रतिष्ठित भर्ती की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
दिसंबर 2020 में आई यह अड़चनें….
आरएएस 2018 के प्रथम चरण के साक्षात्कार 7 दिसंबर से 13 जनवरी 2020 तक होने थे। इसमें 1170 अभ्यर्थी शामिल किए जाने थे। इसी दौरान अमित शर्मा और अन्य ने याचिका लगाई। उन्होंने भूतपूर्व सैनिक व डीसी कैटेगरी में अयोग्य अभ्यर्थियों का चयन करने और योग्यताधारकों को साक्षात्कार से एलिमिनेट (दूर रखना) करना बताया। इस पर जस्टिस एस.पी.शर्मा ने साक्षात्कार पर 10 दिसंबर 2020 तक रोक लगा दी। फैसले के चलते आयोग ने 7 से 11 दिसंबर तक के साक्षात्कार स्थगित कर दिए। इसके बाद आयोग ने एसबी सिविल रिट पिटिशन में पारित अंतरिम आदेश के तहत 14 और 15 दिसंबर के साक्षात्कार स्थगित कर दिए। 16 दिसंबर को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आयोग द्वारा प्रस्तुत शपथ-पत्र के आधार पर याचिका का निस्तारण करते हुए 9 जुलाई को जारी परिणाम को रद्द करते हुए संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे।
आरएएस 2018 के प्रथम चरण के साक्षात्कार 7 दिसंबर से 13 जनवरी 2020 तक होने थे। इसमें 1170 अभ्यर्थी शामिल किए जाने थे। इसी दौरान अमित शर्मा और अन्य ने याचिका लगाई। उन्होंने भूतपूर्व सैनिक व डीसी कैटेगरी में अयोग्य अभ्यर्थियों का चयन करने और योग्यताधारकों को साक्षात्कार से एलिमिनेट (दूर रखना) करना बताया। इस पर जस्टिस एस.पी.शर्मा ने साक्षात्कार पर 10 दिसंबर 2020 तक रोक लगा दी। फैसले के चलते आयोग ने 7 से 11 दिसंबर तक के साक्षात्कार स्थगित कर दिए। इसके बाद आयोग ने एसबी सिविल रिट पिटिशन में पारित अंतरिम आदेश के तहत 14 और 15 दिसंबर के साक्षात्कार स्थगित कर दिए। 16 दिसंबर को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने आयोग द्वारा प्रस्तुत शपथ-पत्र के आधार पर याचिका का निस्तारण करते हुए 9 जुलाई को जारी परिणाम को रद्द करते हुए संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे।
मार्च अथवा अप्रेल से साक्षात्कार
हाईकोर्ट खंडपीठ के फैसले से आयोग को राहत मिली है। आयोग अब 9 जुलाई 2020 को घोषित परिणाम के आधार पर साक्षात्कार करा सकेगा। आयोग साक्षात्कार कार्यक्रम जल्द जारी करेगा। संभवत: मार्च के दूसरे पखवाड़े अथवा अप्रेल में साक्षात्कार प्रारंभ हो सकते हैं।
हाईकोर्ट खंडपीठ के फैसले से आयोग को राहत मिली है। आयोग अब 9 जुलाई 2020 को घोषित परिणाम के आधार पर साक्षात्कार करा सकेगा। आयोग साक्षात्कार कार्यक्रम जल्द जारी करेगा। संभवत: मार्च के दूसरे पखवाड़े अथवा अप्रेल में साक्षात्कार प्रारंभ हो सकते हैं।
हाईकोर्ट खंडपीठ के फैसले की अनुपालना में आरएएस 2018 के साक्षात्कार कराए जाएंगे। साक्षात्कार कार्यक्रम जल्द जारी किया जाएगा।
डॉ. भूपेंद्र यादव, अध्यक्ष राजस्थान लोक सेवा आयोग
डॉ. भूपेंद्र यादव, अध्यक्ष राजस्थान लोक सेवा आयोग