आयोग ने 5 अगस्त को आरएएस प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया था। परीक्षा के लिए प्रदेश में 4 लाख 97 हजार 048 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। 1454 केंद्रों पर आयोजित परीक्षा में 3 लाख 76 हजार 762 अभ्यर्थी शामिल हुए। आयोग ने उत्तरकुंजियों पर 15 अगस्त तक ऑनलाइन आपत्तियां मांगी थी।
शुरू हुई जांच आयोग ने ऑनलाइन आपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। प्रामाणिक तथ्यों के आधार पर जिन प्रश्नों पर आपत्तियां सही मिलेंगी उन पर आयोग को निर्णय लेना होगा। इसका फैसला विशेषज्ञों की राय पर फुल कमीशन करेगा। मालूम हो कि पूर्व वर्षों की आरएएस परीक्षाओं में भी कई प्रश्नों पर आपत्तियां दी गई थी। आयोग को कई प्रश्न डिलीट करने पड़े थे।
ओएमआर की जांच भी जारी
आरएएस प्रारंभिक परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट की स्कैनर पर जांच जारी है। इनकी चेकिंग के बाद आयोग परिणाम की गहनता से जांच करेगा। संभवत: इसी महीने के अंत तक या सितम्बर में इसका नतीजा जारी किया जा सकता है। आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती की सदारत में फुल कमीशन की बैठक होगी। इसके बाद परिणाम जारी करने की अधिकृत तिथि तय होगी।
आरएएस प्रारंभिक परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट की स्कैनर पर जांच जारी है। इनकी चेकिंग के बाद आयोग परिणाम की गहनता से जांच करेगा। संभवत: इसी महीने के अंत तक या सितम्बर में इसका नतीजा जारी किया जा सकता है। आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती की सदारत में फुल कमीशन की बैठक होगी। इसके बाद परिणाम जारी करने की अधिकृत तिथि तय होगी।
यूं कुर्सी पर बैठकर बिता दिए 50 दिन….. लॉ कॉलेज में विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष के दाखिलों का इंतजार है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से सम्बद्धता मिलने के बाद कॉलेज बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया को पत्र भेजेगा। काउंसिल की अनुमति मिलने के बाद दाखिले प्रारंभ होंगे।
लॉ कॉलेज को 13 साल से बार कौंसिल ऑफ इंडिया से स्थाई मान्यता नहीं मिली है। इसको हर साल विश्वविद्यालय से सम्बद्धता लेनी पड़ती है। सम्बद्धता पत्र और निरीक्षण रिपोर्ट बार कौंसिल ऑफ इंडिया को भेजी जाती है। कौंसिल की मंजूरी के बाद प्रथम वर्ष में दाखिले होते हैं। इस बार भी हालात वैसे ही हैं।
लॉ कॉलेज को 13 साल से बार कौंसिल ऑफ इंडिया से स्थाई मान्यता नहीं मिली है। इसको हर साल विश्वविद्यालय से सम्बद्धता लेनी पड़ती है। सम्बद्धता पत्र और निरीक्षण रिपोर्ट बार कौंसिल ऑफ इंडिया को भेजी जाती है। कौंसिल की मंजूरी के बाद प्रथम वर्ष में दाखिले होते हैं। इस बार भी हालात वैसे ही हैं।