राजस्थान लोक सेवा आयोग आरएएस एवं अधीनस्थ सेवाओं सहित कॉलेज, चिकित्सा शिक्षा, कृषि, आयोजना विभाग, सांख्यिकी विभाग, फैक्ट्री एवं बॉयलर्स, तकनीकी शिक्षा, भूजल, माध्यमिक शिक्षा, फॉरेंसिक लैब, पुलिस, गृह विभाग सहित अन्य महकमों की भर्तियां करता है। इनके आवेदनों से मिलने वाली आय सरकार को प्राप्त होती है। वित्त विभाग आयोग को परीक्षात्मक खर्चों के अनुरूप राशि जारी करता है।
दो साल में कम हुई आय
आयोग को कार्मिक विभाग से साल 2019-20 और 2020-21 में सब इंस्पेक्टर, आरएएस एवं अधीनस्थ सेवाओं सहित कॉलेज, चिकित्सा शिक्षा, कृषि, आयोजना विभाग, सांख्यिकी विभाग, फैक्ट्री एवं बॉयलर्स, तकनीकी शिक्षा, भूजल, माध्यमिक शिक्षा सहित कई भर्ती अभ्यर्थनाएं मिलीं। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सरकार-आयोग को आर्थिक नुकसान ज्यादा हुआ है। आय महज 2221.83 लाख रुपए हुई।
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दो साल में 6685 लाख रुपए खर्च
कोरोना संक्रमण के चलते परीक्षा केंद्रों पर सेनेटाइजर, मास्क, सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग के चलते आयोग को ज्यादा खर्च करना पड़ा। साल 2019-20 और 2020-21 में सरकार और आयोग को आय से ज्यादा 6685.48 लाख रुपए परीक्षात्मक खर्चे करने पड़े हैं।
तीन साल में आय और व्यय
2018-19: 4546 -5212. 13
2019-20: 731.26- 2845.98
2020-21: 1490.57- 3839.50
2017-18 में सबसे कम आय, खर्च ज्यादा
आयोग को कार्मि विभाग से 2017 में सबसे कम भर्ती अभ्यर्थनाएं मिलीं। उस साल महज 20.97 लाख रुपए आय हुई। जबकि परीक्षात्मक खर्चे 3647.41 लाख रुपए हुए। यानि साल 2017-18 आयोग- सरकार के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ।
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11 साल पहले बराबर था मामला
आयोग-सरकार के लिए साल 2010-11 तक आय-व्यय का खर्च करीबन बराबरी पर था। भर्तियों के आवेदन की तुलना में खर्चे भी बराबर थे। तब 1618 लाख रुपए आय और 1746.98 लाख रुपए व्यय करना पड़ा था।