
Rajasthan News: राजस्थान के लिहाज से अहम सरकारी महकमे कार्यवाहकों के ‘भरोसे ’ संचालित हैं। कहीं दो से नौ साल तो कहीं छह माह से मुखिया का पद खाली है। पदों पर स्थायी नियुक्तियों का अता-पता नहीं है।
महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी में 26 नवंबर को प्रो. अनिल शुक्ला का कार्यकाल खत्म होने के बाद वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। तीन माह से कुलपति सर्च कमेटी नहीं बन पाई है।
महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के भी यही हाल हैं। वर्ष 2017 में तत्कालीन प्राचार्य प्रो. अजयसिंह जेठू इस्तीफा देकर मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी चले गए थे। तबसे कार्यवाहक प्राचार्य ही कार्यरत है। सात साल में प्रो. रंजन माहेश्वरी, डॉ. जितेंद्र डीगवाल के प्रभार रहा। अभी बड़ल्या इंजीनियरिंग कॉलेज की कंप्यूटर-साइंस इंजीनियरिंग विभाग की शिक्षक डॉ. प्रकृति त्रिवेदी के पास अतिरिक्त प्रभार है।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में ढाई साल से स्थायी अध्यक्ष नहीं है। 2022 में रीट पेपर आउट मामले के बाद तत्कालीन अध्यक्ष प्रो. डीपी जारोली को बर्खास्त किया गया था। तब से यह लक्ष्मीनारायण मंत्री, बी.एल. मेहरा, सी.आर. मीना और अन्य प्रशासकों के भरोसे चला। फिलहाल संभागीय आयुक्त महेशचंद्र शर्मा के पास अतिरिक्त प्रभार है।
आरपीएससी में पांच महीने से अध्यक्ष और एक सदस्य का पद रिक्त है। इसी साल एक अगस्त को संजय कुमार श्रोत्रिय का कार्यकाल पूर्ण होने पर सरकार ने आयोग के सदस्य केसी मीणा को अतिरिक्त कार्यप्रभार सौंपा। इसी तरह जून में आयोग सदस्य जसवंत राठी के निधन के बाद से सदस्य का पद भी रिक्त है। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती पेपर कांड के चलते डेढ़ साल से सदस्य बाबूलाल कटारा निलंबित है।
Published on:
07 Dec 2024 09:01 am
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