कॉलेज और यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए राज्य पात्रता परीक्षा (सेट) कराई जाती रही है। 59 विषयों के लिए यह परीक्षा राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से होती रही है। आयोग ने अंतिम बार वर्ष 2014-15 में सेट परीक्षा कराई थी। इसके बाद चार साल से परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ है।
आयोग ने लिखा सरकार को पत्र राज्य पात्रता परीक्षा को लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग ने सरकार को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि आयोग आरएएस एवं अधीनस्थ सेवाओं सहित अन्य विभागों की भर्ती परीक्षाएं अंजाम देता है। सेट वास्तव में योग्यता निर्धारण परीक्षा है। इसे केंद्र सरकार की नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की तरह किसी विश्वविद्यालय अथवा इसके समकक्ष संस्थान को सौंपा जाना चाहिए। मालूम हो कि आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. ललित के पंवार ने भी सरकार को पत्र लिखा था। इसमें आयोग पर कामकाज की दबाव होने से पात्रता परीक्षा किसी अन्य संस्था से कराने का आग्रह किया गया था।
नेट परीक्षा में रुचि…
यूजीसी ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी में सहायक आचार्य (लेक्चरर) की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) जरूरी किया है। इसके चलते अभ्यर्थियों की नेट परीक्षा देने में रुचि ज्यादा बढ़ी है। हालांकि नेट उत्तीर्ण करने के बाद भी विद्यार्थियों को संबंधित राज्यों की पात्रता परीक्षा या विषयवार सीधी भर्ती परीक्षा देनी पड़ती है। इसमें उत्तीर्ण होने के बाद ही वे शिक्षक बनते हैं।
यूजीसी ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी में सहायक आचार्य (लेक्चरर) की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) जरूरी किया है। इसके चलते अभ्यर्थियों की नेट परीक्षा देने में रुचि ज्यादा बढ़ी है। हालांकि नेट उत्तीर्ण करने के बाद भी विद्यार्थियों को संबंधित राज्यों की पात्रता परीक्षा या विषयवार सीधी भर्ती परीक्षा देनी पड़ती है। इसमें उत्तीर्ण होने के बाद ही वे शिक्षक बनते हैं।
अभ्यर्थियों से नहीं आई मांग राजस्थान लोक सेवा आयोग के सेट के पूर्व सदस्य सचिव डॉ. दिनेश गुप्ता की मानें तो बीते चार वर्षों में अभ्यर्थियों से राज्य पात्रता परीक्षा की मांग नहीं है। सरकार ने भी परीक्षा को लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। मालूम हो कि आयोग में पूर्व में सेट का कार्यालय स्थापित किया गया था।