संयुक्त सचिव नीतू यादव ने बताया कि वरिष्ठ प्रदर्शक संवीक्षा परीक्षा- 2020 का आयोजन 13 से 17 सितंबर तक होगा। परीक्षा सुबह 9 से 12 और दोपहर 2 से 5 बजे तकअजमेर एवं जयपुर जिला मुख्यालय पर कराई जाएगी। आयोग ने अभ्यर्थियों के प्रवेश-पत्र अपलोड कर दिए हैं। अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र पर एक फोटो एवं मूल फोटो पहचान-पत्र साथ लाना जरूरी होगा। इनके अभाव में केंद्र पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
गिरफ्तारी के 48 घंटे पूरे, अब तक नहीं हुआ फैसला अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह की गिरफ्तारी के 48 घंटे पूरे हो गए हैं। गुरुवार को तीसरा दिन है। विवि बगैर कुलपति संचालित है। इसके बावजूद राजभवन और सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की है।
एसीबी ने 7 सितंबर को कुलपति प्रो.आर. पी.सिंह और उसके बॉडीगार्ड (दलाल) रणजीत सिंह तथा निजी कॉलेज प्रतिनिधि महिपाल को गिरफ्तार किया था। नियमानुसार इनकी गिरफ्तारी के 48 घंटे बीत चुके हैं। अब विश्वविद्यालय की विधियां (संशोधन) विधेयक 2019 के तहत सरकार और राजभवन को कार्रवाई जरूरी हो गई है।
कब मिलेगा कार्यवाहक कुलपति?
गिरफ्तारी के 48 घंटे पूरे होने के कारण आर. पी. सिंह का हटना तय है। उसकी जगह सरकार और राजभवन किस विश्वविद्यालय के स्थाई कुलपति को जिम्मेदारी देती है। यह अहम है। विवि दो दिन से बगैर कुलपति संचालित है। फिर भी बुधवार तक उच्च स्तर पर कोई फैसला नहीं हुआ।
गिरफ्तारी के 48 घंटे पूरे होने के कारण आर. पी. सिंह का हटना तय है। उसकी जगह सरकार और राजभवन किस विश्वविद्यालय के स्थाई कुलपति को जिम्मेदारी देती है। यह अहम है। विवि दो दिन से बगैर कुलपति संचालित है। फिर भी बुधवार तक उच्च स्तर पर कोई फैसला नहीं हुआ।
पत्र-रिपोर्ट के आधार पर फैसला
राजभवन के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. लोकेश शर्मा ने बताया कि सरकार से मिलने वाली रिपोर्ट और सूचना के आधार पर राजभवन फैसला लेगा। एक-दो दिन में कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति होगी। सरकार-राजभवन को भेजी सूचनाविश्वविद्यालय ने राजभवन और सरकार को पत्र भेजकर कुलपति प्रकरण से अवगत करा दिया है। अब प्रशासन को प्रत्युत्तर का इंतजार है।
राजभवन के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. लोकेश शर्मा ने बताया कि सरकार से मिलने वाली रिपोर्ट और सूचना के आधार पर राजभवन फैसला लेगा। एक-दो दिन में कार्यवाहक कुलपति की नियुक्ति होगी। सरकार-राजभवन को भेजी सूचनाविश्वविद्यालय ने राजभवन और सरकार को पत्र भेजकर कुलपति प्रकरण से अवगत करा दिया है। अब प्रशासन को प्रत्युत्तर का इंतजार है।