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RPSC: नजरें प्रधानाध्यापक और उप निरीक्षक परीक्षा पर, अफसर जुटे तैयारियों में

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अजमेरAug 03, 2018 / 07:07 am

raktim tiwari

rpsc exam 2018

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अजमेर

राजस्थान लोक सेवा आयोग ने प्रधानाध्यापक और उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारियां भी शुरू कर कर दी हैं। पेपर बनवाने के अलावा केंद्र निर्धारण काम जारी है। प्रधानाध्यापक परीक्षा सितम्बर में होगी। लिहाजा इसके प्रवेश पत्र अगस्त के दूसरे पखवाड़े में जारी होंगे।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2017 का आयोजन 2 सितम्बर को होगा। इसी तरह उप निरीक्षक (पुलिस) प्रतियोगी परीक्षा-2016 का आयोजन 7 अक्टूबर को किया जाएगा। इनका विस्तृत कार्यक्रम, प्रवेश पत्र और अन्य सूचनाएं जल्द जारी होंगी।
शुरू हुआ कामकाज
दोनों परीक्षाओं के लिए पेपर बनवाने के अलावा केंद्र निर्धारण का काम शुरू हो गया है। प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा के लिए एक लाख से कम आवेदन मिले हैं। ऐसे में परीक्षा संभाग या जिला मुख्यालयों पर ही कराई जा सकती है। उप निरीक्षक (पुलिस) प्रतियोगी परीक्षा के लिए साढ़े चार लाख से ज्यादा आवेदन को देखते हुए आरएएस प्रारंभिक परीक्षा की तरह जिला और तहसील स्तर तक केंद्र बनाए जा सकते हैं।
प्रधानाध्याक भर्ती के प्रवेश पत्र जल्द

आयोग ने 2 सितम्बर को माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2017 कराना तय किया है। इसके लिए 97 हजार 596 आवेदन मिले हैं। अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र अगस्त के दूसरे पखवाड़े में जारी होंगे। इसी तरह उप निरीक्षक (पुलिस) प्रतियोगी परीक्षा-2016 का आयोजन 7 अक्टूबर को होना है इसमें 4 लाख 66 हजार 282 अभ्यर्थी शामिल होंगे।
जरा बैठिए गांव के लोगों के साथ….

प्रदेश के विश्वविद्यालयों को अपने क्षेत्रों में गोद लिए गांव में कई कामकाज करने होंगे। विश्वविद्यालयों को गांवों में लघु एवं कौशल विकास प्रशिक्षण, बैंक और अन्य ऋण के लिए शिविर और अन्य कार्यक्रम चलाने होंगे। साथ ही विस्तृत रिपोर्ट बनाकर राजभवन को भेजनी होगी।

कुलाधिपति एवं राज्यपाल कल्याण सिंह ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों को ढाई-ढाई साल के लिए दो गांव गोद लेने के निर्देश दिए हैं। इसकी अनुपालना में सभी विश्वविद्यालयों ने गांव गोद लेकर कामकाज कराया है। लेकिन कई विश्वविद्यालयों ने गांवों में रंगाई-पुताई, स्कूल में कम्प्यूटर-संसाधन मुहैया कराए हैं। जबकि राजभवन ने उन्हें नियमित कार्यक्रम कराने को कहा है।
विश्वविद्यालयों को दिया ये जिम्मा

विश्वविद्यालयों को गोद लिए गांव में लघु एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने होंगे। साथ ही बैंक और अन्य ऋण के लिए शिविर लगाने होंगे। ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार/बदलाव पर रिपोर्ट बनानी होगी। इसके तहत सामाजिक, आर्थिक शैक्षिक उन्नयन, बिजली, पेयजल और चिकित्सा सुविधा, सड़क निर्माण, संचार सुविधाएं, डाक और बैंकिंग सुविधाओं की स्थिति शामिल होगी
करना होगा नियमित दौरा
राजभवन ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षकों, अधिकारियों और चुनिंदा विद्यार्थियों को गांव का नियमित दौरा करने को कहा है। इस दौरान विद्यार्थी गांव में सरकार, जिला प्रशासन, पंचायत और अन्य संस्थाओं के माध्यम से हुए विकास कार्यों की रिपोर्ट तैयार करेंगे। ग्रामीणों से मिलने वाले फीडबैक को रिपोर्ट में शामिल करेंगे। बाद में इसे राजभवन को भेजा जाएगा।

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