अब तक 2.50 लाख से ज्यादा आवेदन
अभ्यर्थियों का फॉर्म भरना जारी है। सूत्रों के मुताबिक अब तक 2.50 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी ऑनलाइन फॉर्म भर चुके हैं। यह संख्या अंतिम तक 3 से 4 लाख तक पहुंचने के आसार हैं।
अभ्यर्थियों का फॉर्म भरना जारी है। सूत्रों के मुताबिक अब तक 2.50 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी ऑनलाइन फॉर्म भर चुके हैं। यह संख्या अंतिम तक 3 से 4 लाख तक पहुंचने के आसार हैं।
यूं होगी परीक्षा-साक्षात्कार
भर्ती प्रक्रिया के तहत सामान्य हिंदी और सामान्य विज्ञान और जनरल नॉलेज के 200-200 नंबर के पेपर होंगे। उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा और साक्षात्कार लिए जाएंगे।पुलिस विभाग में उप निरीक्षकों के पद 2130 पदों में से 1200 पद रिक्त हैं। विभाग ने 859 एसआई-प्लाटून कमांडर की भर्ती आयोग को भेजी है। 2016 और 2021 में जारी होने भर्ती के बाद पुलिस महकमे में 1132 उप निरीक्षक शामिल हो जाएंगे।
भर्ती प्रक्रिया के तहत सामान्य हिंदी और सामान्य विज्ञान और जनरल नॉलेज के 200-200 नंबर के पेपर होंगे। उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा और साक्षात्कार लिए जाएंगे।पुलिस विभाग में उप निरीक्षकों के पद 2130 पदों में से 1200 पद रिक्त हैं। विभाग ने 859 एसआई-प्लाटून कमांडर की भर्ती आयोग को भेजी है। 2016 और 2021 में जारी होने भर्ती के बाद पुलिस महकमे में 1132 उप निरीक्षक शामिल हो जाएंगे।
आरएएस 2018 :पूर्व में जारी परिणाम के आधार पर होगी भर्ती अजमेर.आरएएस-2018 परीक्षा परिणाम रद्द करने के एकल पीठ के फैसले को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रद्द कर दिया हाईकोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग को पूर्व में जारी परिणाम के आधार पर भर्ती करने को कहा है।
आरएएस 2018 की मुख्य परीक्षा में दो गुणा अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने से जुड़ी कविता गोदारा की याचिका पर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते वर्ष दिसंबर में पदों के न्यूनतम अर्हता अंक तय करने और दो गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के आदेश दिए थे। साथ ही 9 जुलाई 2020 को घोषित मुख्य परीक्षा परिणाम को रद्द करते हुए संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दिए थे। आयोग के फुल कमीशन ने एकल पीठ के फैसले को खंडपीठ में चुनौती दी थी।
आयोग ने दिए यह तर्क
राज्य सरकार के एजी और आयोग के अधिवक्ता मिर्जा फैजल बेग ने हाईकार्ट में तर्क रखे। इसमें कहा गया कि आरएएस 2018 का परिणाम नियमानुसार जारी किया गया है। एकल पीठ के फैसले की पालना करने पर साक्षात्कार में 700 अभ्यर्थियों को अधिक बुलाना पड़ेगा। इससे ना केवल चयन प्रक्रिया में देरी होगी, बल्कि आरएएस जैसी प्रतिष्ठित भर्ती की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।
आयोग ने दिए यह तर्क
राज्य सरकार के एजी और आयोग के अधिवक्ता मिर्जा फैजल बेग ने हाईकार्ट में तर्क रखे। इसमें कहा गया कि आरएएस 2018 का परिणाम नियमानुसार जारी किया गया है। एकल पीठ के फैसले की पालना करने पर साक्षात्कार में 700 अभ्यर्थियों को अधिक बुलाना पड़ेगा। इससे ना केवल चयन प्रक्रिया में देरी होगी, बल्कि आरएएस जैसी प्रतिष्ठित भर्ती की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी।