आयोग में बुधवार से जुलाई को उप निरीक्षक/प्लाटून कमांडर भर्ती-2016 के साक्षात्कार प्रारंभ होंगे। पहली पारी में सुबह 9 और दूसरी पारी में दोपहर 2 बजे से साक्षात्कार शुरू होंगे। कोरोना संक्रमण के कारण आयोग पूरी सतर्कता बरतेगा। अभ्यर्थियों को परिसर में प्रवेश करने पर फेस शील्ड दी जाएगी। इसके अलावा मुख्य द्वार और अन्य स्थानों पर सेनेटाइजर भी रखवाए जाएंगे। थर्मल स्कैनर से प्रत्येक अभ्यर्थी का तापमान जांचा जाएगा। मालूम हो कि 511 पदों के लिए 1925 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है।
चार साल से चल रहा प्रोसेस
उप निरीक्षक/प्लाटून कमांडर भर्ती की प्रक्रिया 2016 से चल रही है। पदों को लेकर दर्जनों संशोधन के चलते परीक्षा में विलंब होता चला गया है। आखिर वर्ष 2018 में आयोग ने परीक्षा कराई। इसके बाद परिणाम निकाला गया।
उप निरीक्षक/प्लाटून कमांडर भर्ती की प्रक्रिया 2016 से चल रही है। पदों को लेकर दर्जनों संशोधन के चलते परीक्षा में विलंब होता चला गया है। आखिर वर्ष 2018 में आयोग ने परीक्षा कराई। इसके बाद परिणाम निकाला गया।
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अजमेर. स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के कैंपस सूने नजर आ रहे हैं। आजादी के 72 साल में यह पहला अवसर है जबकि कैंपस में ना विद्यार्थी दिखे हैं ना ऑफलाइन क्लास लग रही है। कोरोना संक्रमण के चलते 31 जुलाई तक पूरे देश में शैक्षिक परिसरों में ये ही नजारा दिखने वाला है।
केंद्र सरकार ने 31 जुलाई तक स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी को बंद रखने का फैसला यिा है। ऐसे में सत्र 2020-21 की शुरुआत अगस्त या सितंबर में होती दिख रही है। सबसे ज्यादा दिक्कतें नए प्रवेश और कक्षाओं के संचालन की हैं।
अजमेर. स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी के कैंपस सूने नजर आ रहे हैं। आजादी के 72 साल में यह पहला अवसर है जबकि कैंपस में ना विद्यार्थी दिखे हैं ना ऑफलाइन क्लास लग रही है। कोरोना संक्रमण के चलते 31 जुलाई तक पूरे देश में शैक्षिक परिसरों में ये ही नजारा दिखने वाला है।
केंद्र सरकार ने 31 जुलाई तक स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी को बंद रखने का फैसला यिा है। ऐसे में सत्र 2020-21 की शुरुआत अगस्त या सितंबर में होती दिख रही है। सबसे ज्यादा दिक्कतें नए प्रवेश और कक्षाओं के संचालन की हैं।
जुलाई से होते थे कैंपस आबाद
प्रतिवर्ष स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में जुलाई सबसे अहम रहा है। सभी कैंपस में रौनक होती रही है। गर्मियों की छुट्टियों के बाद विद्यार्थी वापस कैंपस में लौटते थे। स्कूल के प्री-प्राइमरी और प्राइमरी के बच्चे तो रोते हुए स्कूल पहुंचते थे। सीबीएसई और अन्य बोर्ड के बारहवीं के विद्यार्थियों में ज्यादा उत्साह होता था।
प्रतिवर्ष स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में जुलाई सबसे अहम रहा है। सभी कैंपस में रौनक होती रही है। गर्मियों की छुट्टियों के बाद विद्यार्थी वापस कैंपस में लौटते थे। स्कूल के प्री-प्राइमरी और प्राइमरी के बच्चे तो रोते हुए स्कूल पहुंचते थे। सीबीएसई और अन्य बोर्ड के बारहवीं के विद्यार्थियों में ज्यादा उत्साह होता था।