सोच समझकर खरीददारीकिसी समय सोने की खरीददारी को निवेश का एक जरिया माना जाता था। भाव कम होने के कारण लोग सोना खरीदना ज्यादा उचित समझते थे। पिछले कुछ सालों में जिस तेजी से सोने-चांदी के भाव बढ़े हैं उसे देखकर लोग अब जरूरत के अनुसार ही सोना खरीदते हैं।
आगे भी तेजी की आशंकासर्राफा व्यवसायियों के अनुसार कोरोना के कारण काफी समय तक काम प्रभावित रहा। शादियां भी कम खर्चे में हुईं। अब जब माहौल सही होने लगा है तो रूस-यूक्रेन प्रकरण ने बाजार की चाल बदल दी है।वर्तमान हालात में सर्राफा व्यवसायियों के लिए स्टॉक मेंटेन करना और पूर्व में लिए ऑर्डर पूरे करना मुश्किल हो रहा है। उनका मानना है कि आने वाले कुछ समय और सोने के भाव में तेजी बनी रह सकती है।
राजीव जैन, सर्राफा व्यवसायी का कहना है सोने-चांदी के भावों में तेजी कायम है। युद्ध खत्म हो तो कुछ राहत मिल सकती है। तेजी के बावजूद सोने की मांग बनी हुई है। यह जरूर है कि खरीददारी कम मात्रा में हो रही है। चांदी की मांग में कमी देखी गई है।