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संतवाणी.. कभी बहती थी घी और दूध की नदियां, अब देश में बहते हैं गटर

locationअजमेरPublished: Nov 29, 2018 06:59:52 am

Submitted by:

raktim tiwari

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river and falls pollute

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अजमेर.

मुनि निर्मोह सुंदर विजय ने कहा कि कभी भारत में घी-दूध की नदियां, झरने कल-कल बहते थे। दुर्भाग्य से अब बारह मास गंदे पानी के गटर बहते हैं। फिर विकास की दुहाई दी जाती है। हमें देश की ऐसी स्थिति पर विचार करना चाहिए। यह बात उन्होंने अजमेर से नसीराबाद में आयोजित धर्मसभा में कही।
खो गई नदियां…
मुनि निर्मोह सुन्दर विजय ने कहा कि नदियां-झरने विलुप्त होते जा रहे हैं। जिस देश में सालभर नदियां बहती थीं। घी-दूध की कमी नहीं थी। उस देश में गंदे पानी के नाले-नालियां बहती दिखती हैं। नदियों को अपशिष्ट डालकर गंदा किया जा रहा है।
गंगा-यमुना भी दूषित
गंगा, यमुना और अन्य प्रमुख नदियां प्रदूषित हो रही हैं। फिर भी सियासी दलों को फिक्र नहीं है। उन्हें पानी की कमी से ज्यादा अपने मतदाताओं के छिटकने की फिक्र नजर आती है। फिर भी हम देश के विकास के प्रति आशान्वित हैं। भारत ही ऐसा देश है जिसकी भूमि माता कहलती है। अमरीका-अफ्रीका और अन्य किसी महाद्वीप में ऐसा एक भी राष्ट्र नहीं है।
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