फर्जी अंकतालिका के जरिए विधायक मीणा द्वारा पत्नी शांता देवी मीणा को सेमारी ग्राम पंचायत के सरपंच पद का चुनाव लड़ाने के मामले पर सीआईडी सीबी की जांच में विधायक मीणा दोषी ठहराए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गत 12 जुलाई को सराड़ा न्यायालय में विधायक मीणा ने स्वयं आत्मसमर्पण किया था। सराडा न्यायालय ने सुनवाई के दौरान विधायक मीणा को जेल भेज दिया। जिस पर गुरुवार को जोधपुर हाईकोर्ट में न्यायाधीश संजीव प्रकाश की एकल पीठ में सुनवाई के दौरान विधायक मीणा की जमानत याचिका मंजूर कर जमानत दे दी। जमानत के बाद शुक्रवार को सराडा न्यायालय में हाईकोर्ट द्वारा जमानत आदेश की तस्दीक करने के बाद शुक्रवार दोपहर को उप कारागृह सलूंबर से विधायक मीणा को रिहा कर दिया गया।
11 दिन रहे जेल में– विधायक मीणा पुलिस सुरक्षा में 12 जुलाई को उप कारागृह सलूंबर पहुंचे। जहां आम बंदी की तरह 11 दिन तक उप कारागृह में रहे तथा जमानत के बाद शुक्रवार को वहां से रिहा हुए।
कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत
रिहाई के दौरान जेल परिसर के बाहर बड़ी संख्या में एकत्रित कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों ने विधायक मीणा को फूल मालाओं से लाद दिया तथा आतिशबाजी एवं ढोल नगाड़े के साथ स्वागत करते हुए रैली के रूप में डाक बंगला पहुंचे। वहां विधायक ने कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को संबोधित किया।
जुलूस के रूप में पहुंचे घर- रिहाई के बाद विधायक मीणा समर्थकों के साथ काफिले के रूप में सलूंबर से अपने घर बोरी (सेमारी) पहुंचे तथा रास्ते में जगह-जगह काफिले को रोककर ग्रामीणों ने स्वागत पर फूल मालाओं से लाद दिया।
यह रहे मौजूद– विधायक के जेल से छूटने पर वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश गांधी, नगर मंडल अध्यक्ष लव व्यास, सलूंबर पंचायत समिति प्रतिपक्ष नेता एवं अधिवक्ता सोहनलाल चौधरी, सेमारी प्रधान दुर्गा प्रसाद मीणा, पूर्व नगर मंडल अध्यक्ष करण सिंह पवार, जिला परिषद सदस्य धर्मेंद्र मेहता, जिला परिषद लक्ष्मण मीणा, वरिष्ठ पदाधिकारी परमानंद मेहता टोडा, संजय चाष्टा, प्रकाश जैन, भूरीलाल, सुरेश पटेल, राजेंद्र कलाल, पंकज चौबीसा, कन्हैया लाल महाराणा, नारा भाई मीणा, रामेश्वर जोशी, कालू लाल मीणा, धनराज मीणा, वक्तराम मीणा समेत मंडल एवं सभी मोर्चों के अध्यक्ष, पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता मौजूद थे।