इंदिरा एकादशी दो अक्टूबर को : पापों के सर्वनाश के लिए इंंदिरा एकादशी का व्रत दो अक्टूबर को रहेगा। एकादशी का व्रत करने से पितरों को मोक्ष प्राप्ति का विधान शास्त्रों में बताया गया है। इस दौरान मंदिरों में विशेष झांकियां सजाई जाएगी। साथ ही भगवान विष्णु की आराधाना की जाएगी। विष्णु सहस्त्रनाम के पाठ करना विशेष फलदायी रहेगा। सोम प्रदोष चार अक्टूबर को रहेगा। भोलेनाथ की आराधना और सुख समृद्धि के लिए मंदिरों में भोलेनाथ के समक्ष फूल बंगला झांकी सजाई जाएगी।
अमावस्या का महत्व सर्वपितृ (अर्थात सभी पितरों को) अमावस्या के दिन सभी पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाना शास्त्र सम्मत है। दिन ज्ञात, अज्ञात सभी पितरों के श्राद्ध का विधान है यानि जिन लोगों को अपने परिजनों की मृत्यु की तिथि याद ना हो वो भी इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण कर पित्तरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस मौके पर विभिन्न जगहों पर पौधरोपण, आत्म शांति के लिए तर्पण किया जाएगा। सुबह से दान पुण्य का दौर जारी रहेगा। गलता तीर्थ सहित अन्य जगहों पर भक्त आस्था की डुबकी नहीं लगा सकेंगे।