अजमेर

School education: टीचर्स और स्टूडेंट्स करें ऑनलाइन टीचिंग से दोस्ती

नए संसाधनों और कई तकनीकी विकास में खर्च बढऩे की उम्मीद है।

अजमेरJul 04, 2020 / 07:42 am

raktim tiwari

online teaching

अजमेर.
कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल परिसर में पारम्परिक शिक्षण व्यवस्था बंद है। फीस का मुद्दा परिस्थितियों से जुड़ा है। नए संसाधनों और कई तकनीकी विकास से खर्च बढ़ सकते हैं। ऐसे में स्कूल को सरकार के निर्देशों की पालना करनी चाहिए। यह बात फिक्की संगठन से जुड़े स्कूल प्राचार्यों की बैठक और पत्रकारों से बातचीत में सामने आई।
पत्रकारों के ऑनलाइन पढ़ाई के एवज में स्कूलों के फीस वसूली और फीस बढ़ोतरी के सवाल पर प्राचार्यों ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते ज्यादातर स्कूल को कई समारोह-गतिवधियां टालनी अथवा स्थगित करनी पड़ेंगी। लिहाजा कई मदों में बचत भी संभव है। हालांकि कोविड-19 के चलते हालात विपरीत हैं। नए संसाधनों और कई तकनीकी विकास में खर्च बढऩे की उम्मीद है। ऐसे में स्कूल को सरकार के निर्देशों, वित्तीय स्थिति का आकलन और अभिभावकों से सपर्क रखते हुए कोई फैसला लेना चाहिए।
करनी पड़ेगी तकनीक से दोस्ती
मेयो कॉलेज निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एस.एच. कुलकर्णी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण देश-विदेश में स्कूल में शिक्षण प्रभावित है। ऐसे दौर में ऑनलाइन शिक्षण एक विकल्प बना है। हालांकि कक्षा में अध्ययन-अध्यापन हर दौर में श्रेष्ठ है, लेकिन शिक्षकों-विद्यार्थियों को तकनीक से दोस्ती करनी पड़ेगी। इंटरनेट और एप तकनीक कई साल से है, लेकिन विद्यार्थी- शिक्षक और संस्थाएं उपयोग नहीं करती थीं।
संस्कृति स्कूल के प्राचार्य कर्नल ए.के. त्यागी ने कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई का ज्यादा बोझ बच्चों की सेहत खराब कर सकता है। ऐसे में स्कूल को सह शैक्षिक गतिविधियों पर भी जोर देना चाहिए। इस दौरान प्रेसीडेंसी स्कूल निदेशक जी. सिंघवी ने स्वागत किया। मयूर स्कूल प्राचार्य अधिराज सिंह, देहली पब्लिक वल्र्ड स्कूल प्राचार्य भानु पंत, माहेश्वरी स्कूल प्राचार्य आर. के. श्रीवास्तव, एमएएस स्कूल प्राचार्य संगीता मेहता और प्रेसीडेंसी स्कूल प्राचार्य मधु पांडे ने भी चर्चा की।
2021 में करेगा सीबीएसई बदलाव
बच्चों की ऑनलाइन परीक्षा और ऑनलाइन मूल्यांकन से जुड़े पत्रिका के सवाल पर मेयो कॉलेज निदेशक जनरल कुलकर्णी ने कहा कि सीबीएसई 2021 की योजना बनाने में जुटा है। प्राचार्यों, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों से बोर्ड चर्चा में जुटा है। इसमें ऑनलाइन मूल्यांकन सबसे बड़ा मुद्दा है। आगामी दो-तीन साल में ऑनलाइन परीक्षाएं और मूल्यांकन की देश में शुरुआत होगी।

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