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जी हां राजस्थान के अजमेर शहर में एक ऐसा किला बसा है जहां के तालाब का पानी कभी नहीं सूखता। इस किले का नाम तारागढ़ किला है। ये किला अजमेर की सबसे ऊंची पर्वत शृंखला पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है की तारागढ़ जिसके भी अधीन रहा, वह दुर्ग के द्वार पर कभी लड़ाई नहीं हारा। ये किला 1 हजार 885 फीट ऊंचे पर्वत पर फैला हुआ है। यह किला राजपूती स्थापत्य से बना हुआ है। इस किले से एक रास्ता ऊपर भीम दुर्ग की तरफ जाता है। जहां हथियार रखे जाते थे।
जी हां राजस्थान के अजमेर शहर में एक ऐसा किला बसा है जहां के तालाब का पानी कभी नहीं सूखता। इस किले का नाम तारागढ़ किला है। ये किला अजमेर की सबसे ऊंची पर्वत शृंखला पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है की तारागढ़ जिसके भी अधीन रहा, वह दुर्ग के द्वार पर कभी लड़ाई नहीं हारा। ये किला 1 हजार 885 फीट ऊंचे पर्वत पर फैला हुआ है। यह किला राजपूती स्थापत्य से बना हुआ है। इस किले से एक रास्ता ऊपर भीम दुर्ग की तरफ जाता है। जहां हथियार रखे जाते थे।
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इस किले में प्रवेश करने के लिए तीन विशाल द्वार बनाए गए हैं। जिन्हें लक्ष्मी पोल, फूटा दरवाजा और गागुड़ी के नाम से जाना जाता है। इस दुर्ग की भीम बुर्ज पर रखी “गर्भ गुंजन” तोप अपने विशाल आकर के लिए जाना जाता है। इस किले के बनावट को देखकर बहुत ही सुखद महसूस होता है। इस किले में पानी के तीन तालाब बने हुए हैं,जो की कभी नहीं सूखते है।
इस किले में प्रवेश करने के लिए तीन विशाल द्वार बनाए गए हैं। जिन्हें लक्ष्मी पोल, फूटा दरवाजा और गागुड़ी के नाम से जाना जाता है। इस दुर्ग की भीम बुर्ज पर रखी “गर्भ गुंजन” तोप अपने विशाल आकर के लिए जाना जाता है। इस किले के बनावट को देखकर बहुत ही सुखद महसूस होता है। इस किले में पानी के तीन तालाब बने हुए हैं,जो की कभी नहीं सूखते है।