यहां सुरक्षा भगवान भरोसे! कोटेज वार्ड के पीछे के मार्ग पर चैनल गेट खुला मिला। यहां न कोई चौकीदार न गार्ड। स्थिति तो यह कि पूरे कोटेज में कोई कर्मचारी भी नहीं। कोटेज के पीछे वाले गेट से अंदर प्रवेश किया तो कई कोटेज में सिर्फ प्रसूता लेटी मिली। यहां कोई गार्ड नहीं। स्टाफ भी एक ही कमरे में बतियाने में व्यस्त मिला। यहां से अन्दर प्रवेश कर पूरे परिसर में घूम लिए कोई पूछने वाला नहीं मिला।
मगर बातों से फुर्सत नहीं अस्पताल में सोनोग्राफी रूम से आगे चैनल गेट पर एक नहीं दो-दो गार्ड तैनात, मगर किसी से पूछने की जहमत नहीं उठाई। बातों में व्यस्तता के चलते बिना पासधारी भी बेरोकटोक प्रवेश करते रहे।
गायनी वार्ड, ऑपरेशन थिएटर तक सब बिंदास प्रथम तल पर बने वार्डों में एक-एक कर घूम कर टोह ली। प्रसूता के पलंग तक भी पहुंचे, पास में बैठे भी मगर न तो गार्ड न कर्मचारी। यहां एक प्रसूता/गर्भवती महिला के साथ अस्पताल समय में भी दो-दो, तीन-तीन महिलाएं आती जाती रहीं।
बिस्तर एवं थैलों का ढेर वार्डों के पहले गैलरी, पोर्च में महिलाएं, अन्य लोग बैठे मिले। यहां बिस्तर के ढेर एवं थैलों में ठूंसे कपड़ों को लेकर अन्दर तक प्रवेश करने के साथ कोई भी बच्चा या अन्य सामान चोरी कर इन बिस्तर व थैलों के बीच पार कर सकता है।
इसलिए पड़ी पड़ताल की जरूरत हाल ही लेबर रूम से पूर्व बने वार्ड व कमरों में प्रवेश कर अज्ञात लोगों ने प्रसूता के गहने उतरवा लिए थे। इससे पूर्व एक महिला (बच्चा चोर गिरोह) ने प्रसूता के नवजात शिशु को बैड से उठाकर चोरी कर बाहर ले जाने का प्रयास किया।
मगर गेट बंद होने व गार्ड की तैनाती पर पास में ही बच्चा छोड़ कर भाग गई। सीसीटीवी कैमरे में कैद होने पर अस्पताल प्रशासन ने और सतर्कता बढ़ा दी थी। हालांकि इस संबंध में पूर्व में अधीक्षक डॉ. कांति मेहरदा ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे व सुरक्षा के चलते ही घटनाओं पर रोक लगाई है। यहां और व्यवस्था पुख्ता की जाएगी।