बच्चे ने पूछा. .चाहिए क्या गांजे की पुडिय़ा? पुष्कर में चुंगी नाके के सामने एक स्थान पर काले रंग का घोड़ा बंधा था। यहीं पर दो बच्चे खेलते हुए मिले। गाड़ी रोकते ही बच्चे ने पूछ लिया गांजे की पुडिय़ा चाहिए. . .? 120 रुपए लगेंगे…। हां…कहने पर वह दौड़ता हुआ गया और पुडिय़ा लेकर आ गया। उससे जब कहा गया कि दो चाहिए… तो वह फिर से गया और दो पुडिय़ा लाकर थमा दी। मोलभाव करने पर पहले तो वह 100 रुपए में एक पुडिय़ा देने को राजी था लेकिन बाद में उसने इतने में देने से इनकार कर दिया।
पुष्कर के रेतीले धारों पर जब पूछा गया कि रेव पार्टी में शामिल होना है तो यहां खड़े युवकों का कहना था कि फिलहाल विदेशी पर्यटकों की आवक कम होने के कारण रेव पार्टी अभी नहीं मिलेगी। लेकिन पुष्कर मेले के दौरान रेतीले धोरों में ही खूब रेव पार्टियां होती मिल जाएंगी। उनका कहना था कि प्रशासन जब पुष्कर मेले में व्यस्त रहता है तब धोरों में रेव पार्टियां होती हैं।
गांजे के 15 से 20 मरीज रोजाना गांजा सेवन से मानसिक रूप से परेशान मरीजों की संख्या इन दिनों बढ़ी है। अकेले जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में ही रोजाना 15 से 20 मरीज ऐसे आ रहे हैं। इसके अलावा स्मैक का सेवन करने वाले 5 से 7 मरीज रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का मानना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है।
अभिभावक यह रखें ध्यान – बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें
-उनकी संगत का विशेष ध्यान रखें। -देर तक घर आना, अजीब सा व्यवहार करना, बहकी-बहकी बातें करना, नींद में परिवर्तन आदि पर नजर रखें।
एक्सपर्ट व्यू… नशा एक तरह से व्यक्ति को बर्बाद कर देता है। नशे से पागलपन जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। नशा करने वाला शक्की, वहमी हो जाता है। उत्तेजित होकर कोई भी कदम उठा सकता है। पिछले दो महीनों में गांजा, स्मैक आदि का नशा बढ़ा है। इनमें ज्यादातर युवा वर्ग है। अभिभावक बच्चों की संगत पर नजर रखें। ऐसा नशा ग्रुप में ज्यादा किया जाता है। नशा छुड़वाने व उससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए तुरंत चिकित्सक के पास पहुंचे। वहां उसे इलाज भी दिया जाएगा और काउंसलिंग भी की जाएगी।
-डॉ. महेन्द्र जैन, विभागाध्यक्ष, मनोरोग विभाग जेएलएन अस्पताल, अजमेर