scriptशर्मनाक : तीर्थनगरी में बच्चों से बिकवा रहे नशा | selected top story Shameful: Drugs being sold from children in pushkar | Patrika News

शर्मनाक : तीर्थनगरी में बच्चों से बिकवा रहे नशा

locationअजमेरPublished: Oct 22, 2021 05:06:04 pm

Ajmer News : तीर्थ एवं धार्मिक नगरी पुष्कर में नशे के कारोबार में बच्चे भी सक्रिय भागीदार बने हुए हैं। पुष्कर में गांजा तस्करों ने खुद सुरक्षित बने रहकर बच्चों को ही ग्राहक तलाशने और मोल-भाव कर गांजे की पुडिय़ा बेचने के काम पर लगा दिया है।

शर्मनाक : तीर्थनगरी में बच्चों से बिकवा रहे नशा

शर्मनाक : तीर्थनगरी में बच्चों से बिकवा रहे नशा

युगलेश शर्मा.

अजमेर. तीर्थ एवं धार्मिक नगरी पुष्कर व अजमेर में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। हैरानी की बात यह कि पुष्कर में नशे के कारोबार में बच्चे भी सक्रिय भागीदार बने हुए हैं। वहीं अजमेर में कई बच्चे नशे की गिरफ्त में हैं। पुष्कर में तो गांजा तस्करों ने खुद सुरक्षित बने रहकर बच्चों को ही ग्राहक तलाशने और मोल-भाव कर गांजे की पुडिय़ा बेचने के काम पर लगा दिया है। इधर अजमेर में दरगाह क्षेत्र, बड़बाव, रामप्रसाद घाट, बजरंगगढ़ जैसे स्थान नशा करने वाले बच्चों के महफूज ठिकाने बने हुए हैं। यहां इंजेक्शन सिरिंज, पंक्चर सोल्यूशन व व्हाइटनर इंक जैसी सामग्री से बच्चे नशा करते देखे जा सकते हैं। राजस्थान पत्रिका के स्टिंग ऑपरेशन में कई बच्चे नशा बेचते व नशा करते मिले हैं।

बच्चे ने पूछा. .चाहिए क्या गांजे की पुडिय़ा?

पुष्कर में चुंगी नाके के सामने एक स्थान पर काले रंग का घोड़ा बंधा था। यहीं पर दो बच्चे खेलते हुए मिले। गाड़ी रोकते ही बच्चे ने पूछ लिया गांजे की पुडिय़ा चाहिए. . .? 120 रुपए लगेंगे…। हां…कहने पर वह दौड़ता हुआ गया और पुडिय़ा लेकर आ गया। उससे जब कहा गया कि दो चाहिए… तो वह फिर से गया और दो पुडिय़ा लाकर थमा दी। मोलभाव करने पर पहले तो वह 100 रुपए में एक पुडिय़ा देने को राजी था लेकिन बाद में उसने इतने में देने से इनकार कर दिया।
पिता की जेब में खेप, निकाल लाई पुडिय़ा

दूसरे दिन पुष्कर में उसी स्थान पर जैसे ही गाड़ी रोकी गई, सामने बैंच पर बैठे एक बुजुर्ग और पास में खड़ी लड़की बिना कुछ बोले भांप गई। लड़की ने बुजुर्ग की जेब में हाथ डाला और गांजे की पुडिय़ा लेकर आ गई। दाम पूछे तो 100 रुपए बताए। दो पुडिय़ा के लिए कहा गया तो वह फिर से गई और बुजुर्ग की जेब में से एक और पुडिय़ा लेकर आ गई। उससे जब पूछा गया कि तुम लोग कहां से लाते हो तो वह बिना कोई उत्तर दिए वापस चली गई।
यहां ‘परदेसीÓ पैडलर

पुष्कर में बच्चों और युवाओं को भी पता है कि गांजे की पुडिय़ा कहां मिलेगी। मेला मैदान के पास एक बच्चे से पूछा गया तो उसने बताया कि सांड बाबा के मंदिर के पीछे चले जाओ…वहां आसानी से गांजे की पुडिय़ा उपलब्ध हो जाएगी। थोड़ा आगे चल कर एक चाय की दुकान वाले से पूछा तो उसने बताया कि सांसी बस्ती में जाकर परदेसी का मकान पूछ लेना। सांसी बस्ती में जाकर जैसे ही एक दुकान पर बैठे युवक से पूछा गया कि परदेसी कौन है…तो उसने सीधा सवाल दागा…काम बताओ। उससे जब कहा गया कि गांजे की पुडिय़ा चाहिए तो वह लेकर आने का इशारा करते हुए पास ही स्थित मकान में गया और गांजे की पुडिय़ा लेकर आ गया। उसने एक पुडिय़ा की रेट 150 रुपए बताई।
रेव पार्टी के लिए पुष्कर मेले का इंतजार
पुष्कर के रेतीले धारों पर जब पूछा गया कि रेव पार्टी में शामिल होना है तो यहां खड़े युवकों का कहना था कि फिलहाल विदेशी पर्यटकों की आवक कम होने के कारण रेव पार्टी अभी नहीं मिलेगी। लेकिन पुष्कर मेले के दौरान रेतीले धोरों में ही खूब रेव पार्टियां होती मिल जाएंगी। उनका कहना था कि प्रशासन जब पुष्कर मेले में व्यस्त रहता है तब धोरों में रेव पार्टियां होती हैं।
गांजा, स्मैक, डोडा के ज्यादा शिकार

चिकित्सकों की मानें तो अजमेर जिले में गांजा, भांग, स्मैक, अमल-डोडे का नशा करने वालों की तादाद ज्यादा है। इनमें 25 फीसदी बच्चे भी शामिल हैं। जिले में पुष्कर के अलावा, अजमेर के दरगाह क्षेत्र, सराना, नसीराबाद आदि क्षेत्रों में ऐसे केस ज्यादा हैं।

गांजे के 15 से 20 मरीज रोजाना

गांजा सेवन से मानसिक रूप से परेशान मरीजों की संख्या इन दिनों बढ़ी है। अकेले जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में ही रोजाना 15 से 20 मरीज ऐसे आ रहे हैं। इसके अलावा स्मैक का सेवन करने वाले 5 से 7 मरीज रोजाना अस्पताल पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों का मानना है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है।

अभिभावक यह रखें ध्यान

– बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें
-उनकी संगत का विशेष ध्यान रखें।

-देर तक घर आना, अजीब सा व्यवहार करना, बहकी-बहकी बातें करना, नींद में परिवर्तन आदि पर नजर रखें।

एक्सपर्ट व्यू…

नशा एक तरह से व्यक्ति को बर्बाद कर देता है। नशे से पागलपन जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। नशा करने वाला शक्की, वहमी हो जाता है। उत्तेजित होकर कोई भी कदम उठा सकता है। पिछले दो महीनों में गांजा, स्मैक आदि का नशा बढ़ा है। इनमें ज्यादातर युवा वर्ग है। अभिभावक बच्चों की संगत पर नजर रखें। ऐसा नशा ग्रुप में ज्यादा किया जाता है। नशा छुड़वाने व उससे होने वाले नुकसान से बचने के लिए तुरंत चिकित्सक के पास पहुंचे। वहां उसे इलाज भी दिया जाएगा और काउंसलिंग भी की जाएगी।
-डॉ. महेन्द्र जैन, विभागाध्यक्ष, मनोरोग विभाग जेएलएन अस्पताल, अजमेर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो