नालों से निकलने वाले सिल्ट-मलबे को निचले इलाकों के भराव में उपयोग में लिया जा सकता है। सडक़ व छोटी नालियों से बड़े नालों में पानी के प्रवेश के रास्तों/ मोखों पर लोहे के जाल/ जारी लगानी होगी जिससे ठोस कचरा व प्लास्टिक आदि नाले में सीधे नहीं जा सके। फेरोकवर भी तुरंत लगाए जाएं। सीवर लाइन का मेनहोल खुला नहीं छोड़ा जाए। नालियों की सफाई के दौरान चेतावनी के बोर्ड लगाए जाएं। विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव पवन अरोड़ा ने पालना रिपोर्ट की निर्धारित प्रपत्र में भेजने के निर्देश दिए हैं।
हर साल होती है औपचारिकता प्रमुख नालों और नालियों की सफाई के नाम पर हर साल औपचारिकता होती है। नगर निगम द्वारा सालभर इनकी सफाई नहीं की जाती। इससे यह गंदगी से अटे रहते हैं। मानसून आने से पहले निगम की नींद टूटती है।