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बोले शाहनवाज हुसैन…हम होते तो 14 साल पहले बन जाता किशनगढ़ एयरपोर्ट

locationअजमेरPublished: Oct 12, 2017 08:32:19 am

इन सबके बीच हवाई अड्डे के निर्माण को लेकर भाजपा व कांग्रेस में श्रेय लेने की जबरदस्त होड़ मची हुई है।

shahnawaz hussain on kishangarh airport

shahnawaz hussain on kishangarh airport

अजमेर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव की आहट और तेज हो गई है। जिस तरह आनन फानन में सरकार ने किशनगढ़ हवाई अड्डे की उद्घाटन की रस्म पूरी कर दी। इन सबके बीच हवाई अड्डे के निर्माण को लेकर भाजपा व कांग्रेस में श्रेय लेने की जबरदस्त होड़ मची हुई है। दोनों ही पार्टियों के नेता जनता के बीच हवाई अड्डे को अपने खाते में डालने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस ने जहां हवाई अड्डे को विशुद्ध रूप से प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की देन बताया है वहीं अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे शाहनवाज हुसैन का मानना है कि अजमेर में हवाई अड्डा भाजपा सरकार की देन है। हुसैन से हुई राजस्थान पत्रिका की विशेष बातचीत के अंश-
पत्रिका – अजमेर में हवाई अड्डा विशुद्ध रूप से किसकी देन है?
हुसैन- मैं जब नागरिक उड्यन मंत्री था, तभी अजमेर में हवाई अड्डे की कल्पना कर ली गई और इसकी कवायद शुरू कर दी गई थी। वर्ष 2003 में संसद में तत्कालीन सांसद रासासिंह रावत के एक सवाल के जवाब में भी मैंने यह स्पष्ट कर दिया था।
पत्रिका – आपने इसके लिए क्या प्रयास किए?
हुसैन – हवाई अड्डे के लिए किशनगढ़ हवाई पट्टी व कायड़ में जमीन देखने गया था। इस पर खासी चर्चा भी हुई थी, लेकिन जमीन आवंटन नहीं होने के कारण मामला अटक गया।
पत्रिका – केंद्र में आपकी सरकार होने के बावजूद मामला कैसे अटक गया ?
हुसैन – नागरिक उड्यन मंत्री के रूप में खुद राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर गया। मेरे साथ विभाग के अधिकारी भी थे। हमने एयरपोर्ट के लिए जमीन उपलब्ध कराने की मांग की लेकिन गहलोत ने केन्द्र की ओर से जमीन उपलब्ध कराने की बात कही। केंद्र यदि हवाई अड्डे के लिए जमीन उपलब्ध कराता तो यह गलत परम्परा पड़ जाती। इसलिए मामला आगे नहीं बढ़ पाया।
पत्रिका – अजमेर में हवाई अड्डा की जरुरत क्यों मानते हैं?
हुसैन- तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी मुझसे कहा था कि अजमेर में दरगाह व तीर्थराज पुष्कर के महत्व को देखते हुए यहां हवाई अड्डा होना चाहिए। इसके बाद कवायद शुरू हुई।
पत्रिका – आपको अजमेर हवाई अड्डा शुरू होने पर कैसा लगा?
हुसैन – अब खुशी है कि एयरपोर्ट का चौदह साल का वनवास पूरा हुआ। किशनगढ़ एयरपोर्ट का सर्वाधिक प्रयोग मैं ही करूंगा। आज मैं जो कुछ भी हूं गरीब नवाज की वजह से ही हूं। मेरा अब जल्दी-जल्दी अजमेर आना हो सकेगा।
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