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Shameful: गेम्स सुविधाओं के ये हाल, कैसे तैयार होंगे खिलाड़ी

locationअजमेरPublished: Oct 24, 2020 04:49:22 pm

Submitted by:

raktim tiwari

इंडोर और आउटडोर गेम्स सुविधाएं बदहाल हैं। ऐसा तब है, जब केंद्र और राज्य सरकार खेल सुविधाएं मुहैया कराने में जुटी हैं।

games and sports

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अजमेर.

विद्यार्थी महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय, लॉ और बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज में क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल और अन्य गेम्स खेलना चाहें तो निराशा ही होगी। ज्यादातर संस्थानों खेल मैदान नहीं है। इंडोर और आउटडोर गेम्स सुविधाएं बदहाल हैं। ऐसा तब है, जब केंद्र और राज्य सरकार खेल सुविधाएं मुहैया कराने में जुटी हैं।
विश्वविद्यालय के पास कायड़ रोड पर करीब 700 बीघा जमीन है। यहां शैक्षिक प्रशासनिक भवन, छात्रावास और स्टाफ-टीचर्स क्वाटर बने हैं। खेल सुविधाओं के मामले में विश्वविद्यालय कैंपस बहुत पिछड़ा है।

विश्वविद्यालय में नहीं यह खेल सुविधाएं
क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल जैसे आउटडोर गेम्स बैडमिंटन, स्क्वैश, टेबल टेनिस, टेनिस और अन्य इंडोर गेम्स
इंजीनियरिंग कॉलेज के हाल भी खराब

इंजीनियरिंग कॉलेज में भी क्रिकेट, फुटबॉल खेलने के लिए मैदान नहीं है। प्रतिवर्ष वार्षिक खेल प्रतियोगिताएं होती हैं। इनका आयोजन लोको स्पोट्र्स ग्राउन्ड या अन्यत्र कराना पड़ता है। यहां भी स्क्वैश, टेबल टेनिस, टेनिस जैसे इंडोर गेम्स खेलने की सुविधाएं नहीं है।
संस्कृत-लॉ कॉलेज भी पीछे
कायड़ रोड स्थित लॉ कॉलेज और लोहागल रोड स्थित संस्कृत कॉलेज में खेल मैदान, प्रशिक्षक और संसाधन तक नहीं है। दोनों कॉलेज में आउटडोर-इंडोर गेम्स खेल सुविधाएं नहीं है। विद्यार्थी राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेलकूद गतिविधियों में प्रतिनिधित्व नहीं कर पाते हैं।
कोच भी नहीं उपलब्ध

कई उच्च और तकनीकी शिक्षण संस्थानों में खेल प्रशिक्षक अथवा खेल निदेशक नहीं है। विश्वविद्यालय में पूर्व में भारतीय खेल प्राधिकरण के कोच सेवाएंदेते थे। लॉ और संस्कृत कॉलेज में खेल प्रशिक्षक पद सृजित नही है। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय जैसे कुछ कॉलेज को छोड़कर कहीं शारीरिक शिक्षा विभाग नहीं नहीं है।
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