यहां हैं स्थायी रैन बसेरे पड़ाव : पार्वती ऑयल मिल के सामने 50 शैयाओं का आश्रय स्थल बना हुआ है। यहां गर्म पानी के लिए गीजर, सामान रखने के लिए लॉकर तथआ मनोरंजन के लिए टीवी भी लगा रखा है। यहां अलाव तापने के लिए लकड़ी की व्यवस्था भी है। साथ ही संपूर्ण आश्रयस्थल में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। आश्रय स्थल में महिला व पुरुषों के सोने के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं है।
जनाना अस्पताल : 40 शैयाओं के इस आश्रय स्थल में मरीजों के परिजन के साथ-साथ जरूरतमंद व्यक्ति भी इसका उपयोग करते है।
कोटड़ा : प्राइवेट बस स्टैंड कोटड़ा में 30 व्यक्तियों के रहने की सुविधा के साथ स्थायी आश्रय स्थल बना हुआ है।
कोटड़ा : प्राइवेट बस स्टैंड कोटड़ा में 30 व्यक्तियों के रहने की सुविधा के साथ स्थायी आश्रय स्थल बना हुआ है।
आजाद पार्क : पार्क के सामने 50 डबल शैयाओं से सुसज्जित आश्रय स्थल है।
देहलीगेट : पुरानी बकरा मंडी में 60 शैयाओं का आश्रय स्थल है तथा यहां 74 बिस्तर भी उपलब्ध रहते है। अस्पताल जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय : यहां 40 बैड का रैन बसेरा बना हुआ है।
देहलीगेट : पुरानी बकरा मंडी में 60 शैयाओं का आश्रय स्थल है तथा यहां 74 बिस्तर भी उपलब्ध रहते है। अस्पताल जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय : यहां 40 बैड का रैन बसेरा बना हुआ है।