आश्विन मास की पूर्णिमा लक्ष्मी के पृथ्वी पर आगमन की मानी गई है। धर्म ग्रंथ कहते हैं अधिक मास में किया गया जप, तप, व्रत और दान अक्षय फल देते हैं। इनका पुण्य कभी खत्म नहीं होता है। इस महीने में विष्णु के साथ लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए किए गए उपाय भी अक्षय फल देते हैं। अधिक मास शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र तीव्र फल देने वाला होता है। इस नक्षत्र में महीने की शुरुआत शुभ और शीघ्र फल देने वाली रहती हैं।
अधिक मास में वैभव संबंधी कार्य तेजी से परिणाम देने वाले होंगे। उस समय शुक्ल नाम का शुभ योग भी रहेगा। ये योग अपने नाम की तरह प्रकाश और शीतलता देता है। इस महीने में सोने-चांदी से लेकर मशीन और वाहन खरीदने के कई मुहूर्त और शुभ योग बन रहे हैं।
अधिक मास में वैभव संबंधी कार्य तेजी से परिणाम देने वाले होंगे। उस समय शुक्ल नाम का शुभ योग भी रहेगा। ये योग अपने नाम की तरह प्रकाश और शीतलता देता है। इस महीने में सोने-चांदी से लेकर मशीन और वाहन खरीदने के कई मुहूर्त और शुभ योग बन रहे हैं।