.भागवत कथा में सुनाया श्रीकृष्ण-रुक्मणि विवाह प्रसंग
श्रद्धालुओं ने की पुष्पवर्षा
बाड़ी रोड स्थित बेरिया वाले हनुमान के मंदिर पर संत दिगंबर हरिनारायण के सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक विमल कृष्ण शास्त्री राधिका किंकर ने श्रीकृष्ण रुक्मणि विवाह प्रसंग सुनाया।श्रीकृष्ण रुक्मणि का वेश धारण किए बाल कलाकारों पर भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

धौलपुर. बाड़ी रोड स्थित बेरिया वाले हनुमान के मंदिर पर संत दिगंबर हरिनारायण के सानिध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक विमल कृष्ण शास्त्री राधिका किंकर ने श्रीकृष्ण रुक्मणि विवाह प्रसंग सुनाया।श्रीकृष्ण रुक्मणि का वेश धारण किए बाल कलाकारों पर भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।
श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए। प्रसंग में शास्त्री ने कहा कि रुक्मणि विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी का अवतार थी। रुक्मणि ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणि का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था। अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणि को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए। शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणि का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। इसके बाद श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणि से विवाह किया
अब पाइए अपने शहर ( Ajmer News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज