भीषण गर्मी में पेयजल सप्लाई नहीं होने पर जिलेभर में त्राहि-त्राहि है। जबकि इतने बड़े अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज आज भी बरसों से कुएं के पानी से ही प्यास बुझाने को मजबूर हैं। कुएं से पाइप लाइनें व वाटर पंप से उच्च जलाशय में सप्लाई कर पानी का उपयोग किया जा रहा है।
ऐसे बुरे हालात एमबीबीएस विद्यार्थियों को गर्मी में पानी नसीब नहीं हो रहा। हॉस्टल में ना तो ठंडा पानी है ना वाटर कूलर लगे हैं। मेडिकल कॉलेज गर्ल्स हॉस्टल की छात्राएं ठंडे पानी के लिए सावित्री चौराहा रोड स्थित दयाल वीना डायग्नोस्टिक सेन्टर से कैंपर, पानी की बोतलें भरकर लाने को मजबूर हैं।
मरीज-परिजन भी परेशान अस्पताल में मरीजों के साथ परिजनों को भी बोतलें बाहर से भरकर लानी पड़ती हैं। दो-तीन जगह वाटर कूलर लगे हैं जो पूरी तरह अपर्याप्त हैं। मेडिकॉज बोले- अब थक गए हैं
संभाग मुख्यालय पर इतने बड़े प्रशासनिक अधिकारी हैं, जनप्रतिनिधि हैं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब कुएं का पानी पी-पीकर उकता गए हैं, थक गए हैं। कम से कम मीठा पानी उपलब्ध करवाएं। गर्मी में वाटर कूलर पर्याप्त नहीं हैं।
फैक्ट फाइल 1300 नर्सिंगकर्मी कार्यरत200 से अधिक चिकित्सक 200 से अधिक कर्मचारी300 रेजीडेंट डॉक्टर 400 से अधिक मेडिकोज1000 से अधिक मरीज 3000 से अधिक परिजन की प्रतिदिन आवाजाही