मुकदमों के निस्तारण के लिए राज्य में 1 अप्रेल 2019 से 10 फरवरी 2020 तक दस माह की अवधि में इन अदालतों में लम्बित 28 हजार 514 मुकदमों में से केवल 4 हजार 323 मुकदमों का ही फैसला हो सका है। जो लंबित मामलों का केवल 15.16 प्रतिशत है। हालांकि अन्य स्तर की अदालतों के हाल भी संतोषजनक नहीं कहे जा सकते। इसी अवधि में उपखंड अधिकारी न्यायालयों में 16.96 प्रतिशत तो सहायक कलक्टर अदालतों में भी मुकदमों के निस्तारण की दर 16.35 प्रतिशत ही रही है। जबकि संभागीय आयुक्त न्यायालय भी 17.04 फीसदी से आगे नहीं बढ़ सके हैं। हालांकि जिला व अतिरिक्त जिला कलक्टर न्यायालय इसके अपवाद रहे हैं।
राजस्व अदालतों का हाल
(1अप्रेल 2019 से 10 फरवरी 2020 तक) 7 संभागीय आयुक्त dc न्यायालयों में 8096 मुकदमों में से 1380 का निस्तारण (17.04 प्रतिशत)।
7 अतिरिक्त संभागीय आयुक्त adc न्यायालयों में 3598 में से 619 का निस्तारण (17.20प्रतिशत)।
33 कलक्टर अदालत में 20876 में से 8883 का निस्तारण (42.55 प्रतिशत)।
50 अतिरिक्त कलक्टर अदालत adm में 25588 में से 7937 का निस्तारण (31.01 प्रतिशत)। 14 राजस्व अपील प्राधिकारी अदालत raa में 25572 में से 6212 का निस्तारण (24.20 प्रतिशत)।
9 भू-प्रबन्ध एवं राजस्व अपील प्राधिकारी अदालत में 14631 में से 3835 का निस्तारण (26.22प्रतिशत)।
289-उपखंड अधिकारी अदालतों sdo में 318165 में से 53984 का निस्तारण (16.96प्रतिशत)।
29-सहायक कलक्टर अदालतों में 30785 में से5033 का निस्तारण (16.35 प्रतिशत) । 19.37 फीसदी की दर से निस्तारण
1 अप्रेल 2019 से 10 फरवरी 2020 तक राजस्व मंडल सहित 475 राजस्व अदालतों में 4 लाख 75 हजार 825 मुकदमें लम्बित थे। इस अवधि में 1 लाख 13214 नए मुकदमें दायर हुए, जबकि निस्तारण 92 हजार 208 का ही हो सका। मुकदमों के निस्तारण की दर 19.37 प्रतिशत रही।
अधीनस्थ राजस्व अदालतों में ऐसी पेंडेंसी प्रदेश की अधीनस्थ राजस्व अदालतों में 3 लाख 96 हजार 488 मुकदमें फैसले के इंतजार में हैं। उपखंड अधिकारी न्यायालय में 2 लाख 64 हजार 181 मुकदमें लम्बित हैं। इसी तरह एसीएम कोर्ट में 25 हजार 752, आरएए में 19 हजार 360, एडीएम 17 हजार 651,जिला कलक्टर 11 हजार 993, संभागीय आयुक्त न्यायालयों में 6 हजार 716, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त न्यायालय में 2 हजार 979 व सैटलमेंट कम आरएए में 10 हजार 794 मुकदमे लम्बित हैं। इसके अलावा तहसील 7424, नायब तहसीलदार 3952 व कोलोनाइजेशन में 1490 मुकदमे लम्बित चल रहे हैं।
राजस्व मंडल
राजस्व मंडल में कुल 62 हजार 646 मुकदमें लम्बित हैं। टीनेंसी एक्ट के 35 हजार 627,एलआरएक्ट के 23 हजार 981, कोलोनाइजेशन के 1970, सीलिंग के 860, डायरेक्टर लैंड रिकॉर्ड के 40,पब्लिक डिमांड रिकवरी के 76, एसचीट एक्ट के 21,जमींदारी बिस्वेदारी एक्ट के 6,जागीरदारी एबोलेशन एक्ट के 33,फारेस्ट एक्ट के14 तथा वर्ष 2018 में दर्ज हुआ राजस्थान धार्मिक भवन एवं स्थल एक्ट का 1 मुकदमा चल रहा है।