बेहतर सुविधाएं नहीं राज्य में करीब 250 स्नातक और स्नातकोत्तर कॉलेज हैं। 20 से 25 प्रतिशत कॉलेज को छोडकऱ अधिकांश में स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी, परिसर में सीसीटीवी कैमरा, वाई-फाई, स्मार्ट प्रयोगशाला, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर वाले सेमिनार कक्ष, स्वच्छ पेयजल, खेलकूद मैदान और अन्य संसाधन नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को शैक्षिक एवं खेलकूद की बेहतर सुविधाएं नहीं मिल रही।
बनाने हैं स्मार्ट क्लासरूम
कॉलेज में स्मार्ट क्लास रूम बनाने हैं। यहां होने वाली चर्चा की रिकॉर्डिंग भी कराई जानी है। ताकि विद्यार्थी जरूरत पडऩे पर संबंधित विषय की रिकॉर्डिंग देख सकें। प्रदेश के ज्यादातर कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए आधारभूत सुविधाएं नहीं है। अधिकांश कॉलेज में खेलकूद सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जाता। कई कॉलेज में खेल मैदान, स्वीमिंग पूल, बास्केटबॉल कोर्ट टूटे पड़े हैं। राज्य सरकार ने वर्ष 2013-14 में स्मार्ट कक्षा बनाने को कहा पर कॉलेज और निदेशालय ने तवज्जो नहीं दी।
कॉलेज में स्मार्ट क्लास रूम बनाने हैं। यहां होने वाली चर्चा की रिकॉर्डिंग भी कराई जानी है। ताकि विद्यार्थी जरूरत पडऩे पर संबंधित विषय की रिकॉर्डिंग देख सकें। प्रदेश के ज्यादातर कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए आधारभूत सुविधाएं नहीं है। अधिकांश कॉलेज में खेलकूद सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जाता। कई कॉलेज में खेल मैदान, स्वीमिंग पूल, बास्केटबॉल कोर्ट टूटे पड़े हैं। राज्य सरकार ने वर्ष 2013-14 में स्मार्ट कक्षा बनाने को कहा पर कॉलेज और निदेशालय ने तवज्जो नहीं दी।