खेतों में फसलों और बर्तनों में बर्फ जम गई चूरू. जिले में मंगलवार का दिन तेज सर्दी के नाम रहा। सर्द हवाएं चलने से हाड़ कंपकंपाए और खेतों में फसलों और बर्तनों में बर्फ जम गई। न्यूनतम पारा माइनस 0.4 डिग्री पर आ गया। तेज सर्दी के कारण हाथ-पैरों में सुन्नपन आ गया। लोगों ने सर्दी से बचने के लिए अलाव का सहारा लिया। बाजार में भी सर्दी का असर देखा गया। लोग दिन में बाहर नहीं निकले। शाम को भी बाजार जल्द ही बंद हो गए।
न्यूनतम तापमान में पिछले दो साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। मौसम विभगा के अनुसार वर्ष 2018 में 29 दिसंबर को न्यूनतम तापमान माइनस 0.6 डिग्री सैल्सियस रेकॉर्ड किया गया है। इस साल के जाते दिसंबर माह में 29 दिसंबर को माइनस 0.4 डिग्री तापमान रेकॉर्ड किया गया है। गत वर्ष की अपेक्षा इस बार.2 डिग्री तापमान कम रहा है, जबकि वर्ष 2019 में भी तापमान 27 दिसंबर को माइनस 0.6 डिग्री सैल्सियस रेकॉर्ड किया गया था।
मौसम विभाग का अलर्ट जारी शीतलहर को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया किया था, लेकिन इससे पहले ही शीतलहर का दौर शुरू हो चुका है। रविवार को अधिकतम 25.5 एवं न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सैल्सियस रहा, जबकि इससे पहले शनिवार को अधिकतम 25.5 एवं न्यूनतम तापमान 4.1 डिग्री सैल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। सोमवार को अधिकतम 22 और न्यूनतम पारा 0.6 डिग्री सैल्सियस रेकॉर्ड किया गया था।
सरदारशहर. क्षेत्र में कड़ाके की सर्दी है। मौसम का मिजाज बार बार बदल रहा है। कभी रात में पाला, कभी सुबह कोहरा। बादल छाए रहने और कभी धुंधली धूप होने मौसम में ठिठुरन बरकरार है। इसके चलते जन जीवन प्रभावित हो रहा है। सर्दी इतनी अधिक है कि लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा।
राजलदेसर. मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे से ही अलाव तापकर सर्दी से बचने का जतन करते देखे गए। सांझ ढलते ही कस्बे के बाजार बंद हो गए। लोगों ने सर्दी से बचाव के लिए घरों पर विभिन्न प्रकार के जतन किए व रात्रि में जल्द ही रजाई में दुबक गए।
घांघू. खेतों में रबी की फसल पर बर्फ जमने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। पानी देने वाले पाइपों में, बाहर घरों में खड़े वाहनों पर, पक्षियों के लिए रखे पानी के परिंडों में बर्फ जम गई।
फसल पर पाळे के खतरे ने किसानों की उड़ाई नींद झुंझुनूं. रात के तापमान में गिरावट आने के साथ ही जिले के खेतों में पाळे का खतरा बढ़ गया है। जिससे किसानों के साथ-साथ आमजन की चिंता बढ़ा दी है। मंगलवार को रात के डेढ़ डिग्री की गिरावट आने की वजह से सिंचाई का पानी पाइप लाइन व फसलों पर तथा घरों में बाहर रखे बर्तनों में बर्फ जम गई।
सर्दी के कहर से बाहर खड़े वाहनों व पेड़-पौधों पर गिरी ओस की बूंदे बर्फ में तब्दील हो गई। इस वजह से दिन के तापमान में गिरावट आई। पिलानी मौसम केंद्र के अनुसार मंगलवार को रात का तापमान 2.4 डिग्री से गिरकर 0.9 पर पहुंच गया। वहीं, दिन का तापमान 20.7 से गिरकर 18.9 डिग्री पर पहुंच गया।
सब्जियों में नुकसान अंचल में पहले दिन ही पाळे से जिले के कई स्थानों पर सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो अगर लगातार पारा माइनस की तरफ गया तो रबी फसल की अन्य फसलों में नुकसान शुरू हो जाएगा। गौरतलब रहे कि वर्तमान में रबी फसल के तहत चना, गेहूं, जौ, सरसों, मैथी समेत अन्य फसलें बेहतर स्थिति में हैं।