लॉकडाउन की स्थिति के चलते लोग घरों में परिवार के साथ है। लिहाजा इस दौरान खान-पान और घरेलू दवाओं के नुस्खों को समझा और सीखा जा सकता है।भारत में बरसों से संयुक्त परिवार पद्धति रही है। कई पीढिय़ों तक लोग एक घर में साथ-साथ रहते आए हैं।
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संयुक्त परिवार में सबसे अहमियत बुजुर्गों की रही है। जिनमें दादा-दादी, नाना-नानी की अहमियत थी। वक्त के साथ चाहे जमाना आधुनिक और हाईटेक हो गया पर परिवार में दादी और नानी के अनुभव अब तक काम आ रहे हैं। यही वो पीढ़ी है जो घर-परिवार और समाज को दिशा दे रही है। यह है दादी-नानी के पास नुस्खों का खजाना
-जुखाम हो जाए तो काली मिर्च, तुलसी, लौंग, बड़ी इलायची मिश्री का काढ़ा
-खट्टी डकारें आएं तो गुनगुने पानी के साथ फांकें हींग, अजवाइन और नमक
-आंख पर लाल फुनसी (घुमारनी) हो जाए तो लगाएं लौंग को घिसकर
-पेट में दर्द हो तो नाभी पर लगाएं हींग का लेप
-शिशु जन्म के बाद महिलाओं को सवा महीने तक अजवाइन, सुपारी और अन्य सामग्री के लड्डू
-सर्दी में आटा-देशी काजू,बादाम डालकर बने लड्डू
-गर्मी में पेट की गर्मी शांत करने के लिए जौ-चने को पीसकर और शक्कर मिलाकर फांकें
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-आंख पर लाल फुनसी (घुमारनी) हो जाए तो लगाएं लौंग को घिसकर
-पेट में दर्द हो तो नाभी पर लगाएं हींग का लेप
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सीबीएसई-विद्यार्थी और शिक्षक करें ई-कंटेंट से घर बैठे पढ़ाई अजमेर. देश में लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए सीबीएसई ने घरों को लर्निंग और स्किल सेंटर बनाने और डिजिटल क्लासरूम को बढ़ावा देने के निर्देश दिए है। बोर्ड सचिव ने शिक्षकों को विद्यार्थियों को डिजिटल प्लेटफार्म से ऑनलाइन असाइनमेंट, एक्टिविटी आधारित पाठ और अन्य कामकाज देने को कहा है। बोर्ड सचिव अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि लॉकडाउन के चलते परीक्षाएं और स्कूल में पढ़ाई प्रभावित है। ऐसे में सीबीएसई के स्कूल ने ऑनलाइन क्लास शुरू किए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दीक्षा प्लेटफार्म पर ई-कंटेंट लांच हो चुके हैं। ऐसे में घरों को लर्निंग और स्किल सेंटर बनाने की जरूरत है।