एसओजी जयपुर की टीम ने गुरुवार को भी सिविल लाइन्स स्थित रीट कार्यालय में बोर्ड अध्यक्ष व रीट के मुख्य समन्वयक डॉ. डी.पी जारोली से जानकारी जुटाई। हालांकि एसओजी अधिकारियों ने इस संबंध में कुछ बोलने से इनकार कर दिया।
कार्रवाई के दौरान बोर्ड अध्यक्ष डॉ. जारोली ने पत्रकारों से कहा कि एसओजी की जांच में आरोपी पकड़े गए हैं। आरोपियों ने पेपर कहां से हासिल किए। इन तथ्यों के सामने आने के बाद रीट कार्यालय से पेपर संबंधित जानकारी जानने के लिए एसओजी ने कुछ दस्तावेज मांगे हैं। इसमें किस केन्द्र पर कितने पेपर गए, कितने पेपर रिजर्व थे, कितने पेपर कहां, किसको दिए। पेपर भेजने की क्या प्रक्रिया है? इन तथ्यों पर जानकारी चाही गई है। एसओजी को सारे दस्तावेज व जानकारी मुहैया करवा दी गई है। कुछ पेपर है वो तैयार किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि प्रकरण में एसओजी की जांच में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
आती रही है एसओजी डॉ. जारोली ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब एसओजी रीट कार्यालय आई है। जरूरत होती है तब तब एसओजी की टीम आती रही है। विगत दिनों फिर से आरोपी के पकड़े जाने के बाद सामने आए तथ्यों को कोर्ट के सामने रखने के लिए एसओजी जांच के सिलसिले में आई है। ताकि उन तथ्यों को कोर्ट में पेश कर सके। उन्होंने कहा कि जब-जब एसओजी ने दस्तावेज मांगे है उन्हें मुहैया करवाए गए है। आगे भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
डॉ. जारोली ने कहा कि जब उन पर आरोप लगाए गए तब उन्होंने दावा किया कि बोर्ड स्तर पर प्रश्न पत्र लीक होता है तो वे इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने फिर से दोहराया कि बोर्ड का कोई भी अधिकारी, कर्मचारी प्रकरण में लिप्त नहीं है। पेपर केन्द्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बोर्ड की है। प्रश्न पत्र ट्रेजरी तक पहुंचने के बाद जिला कलक्टर, एसपी समेत छह लोगों की समन्यव समिति होती है। जिसको सुरक्षा से लेकर केन्द्रों पर वितरण की जिम्मेदारी होती है। उसी तरह संग्रहण व बोर्ड तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी जिला समन्वय समिति की होती है।
ना थी ना पाई जाएगी
डॉ. जारोली ने कहा कि पेपर लीक प्रकरण में बोर्ड की संलिप्तता ना पहले कभी थी ना ही कभी पाई जाएगी। उन्होंने कहा कि एसओजी प्रकरण की जांच कर रही है। जब-जब उनको जो जरूरत होती है, वह ई-मेल, पत्र भेजकर या प्रत्यक्ष रूप से आकर दस्तावेज ले जाते हैं।
डॉ. जारोली ने कहा कि पेपर लीक प्रकरण में बोर्ड की संलिप्तता ना पहले कभी थी ना ही कभी पाई जाएगी। उन्होंने कहा कि एसओजी प्रकरण की जांच कर रही है। जब-जब उनको जो जरूरत होती है, वह ई-मेल, पत्र भेजकर या प्रत्यक्ष रूप से आकर दस्तावेज ले जाते हैं।