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Old Tradition: यहां लोग खाते हैं खास सोटे का प्रसाद, निभा रहे हैं बरसों पुरानी रस्म

locationअजमेरPublished: Apr 29, 2018 08:23:40 pm

Submitted by:

raktim tiwari

मोगरे, गैंदे के फूल, इत्र और अन्य सामग्री से भगवान नृसिंह का विशे, श्रंगार किया गया।

traditional fair in ajmer

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शहर मे रविवार को लाल्या-काल्या का मेला भरा। भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए जन्म लेने वाले भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार का रूप देखने लोगों की भीड़ उमड़ी। नया बाजार में पारम्परिक मेले में लाल्या-काल्या ने भक्तों पर सोटे बरसाए। श्रद्धालुओं ने नृसिंह भगवान के जयकारे लगाए। होलीदड़ा स्थित प्राचीन नृसिंह मंदिर से गाजे-बाजे और ढोल-ढमाकों के साथ मेला शुरू हुआ।
लाल वस्त्र पहने लाल्या और काले वस्त्र पहने काल्या ने एकदूसरे पर जमकर सोटे बरसाए। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ‘नकटी का रूप धारण कर साथ चली। लोगों ने नकटी को चिढ़ाया तो वो उनके पीछे दौड़ती रही। मेले में लाल्या और काल्या को लोगों ने चिढ़ाया तो वे सोटे लेकर उनके पीछे भागे।
कड़क्का चौक, नया बाजार, आगार गेट तक लाल्या और काल्या ने जमकर सोटे बरसाए। नौजवानों ने दोनों को मुश्किल से काबू किया। मेला देखने के लिए बाजारों, घरों की छतों और बाजार में महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों, युवाओं की भीड़ रही।
खम्भ फाड़कर निकले नृसिंह भगवान

मेले में भगवान नृसिंह दहाड़ते हुए खम्भ फाड़कर निकले। लोगों ने भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार के दर्शन किए। नृसिंह भगवान के भक्त प्रहलाद की रक्षा, हिरण्यकश्यप का वध और भक्ति की जीत पर लोगों ने जयकारे लगाए। मेले में श्रद्धालुओं को ठंडाई, लड्डू, पेड़े, मावे का प्रसाद वितरित किया गया। होलीदड़ा स्थित नृसिंह मंदिर में नृसिंह अवतार और भक्त प्रहलाद की कथा का वाचन हुआ। मोगरे, गैंदे के फूल, इत्र और अन्य सामग्री से भगवान नृसिंह का विशे, श्रंगार किया गया।
बरसों पुरानी है रीत
लाल्या-काल्या का मेला अजमेर में 50 साल से ज्यादा भर रहा है। खासतौर पर यह नृसिंह जयंती पर ही आयोजित होता है। नृसिंह जयंती पर मेला देखने के लिए दूरदराज के इलाकों से लोग अजमेर पहुंचते हैं। होली दड़ा, कड़क्का चौक, नया बाजार और आसपास के इलाकों में लोग जुटते हैं। सोटों का प्रसाद खाना भी सौभाग्य का प्रतीक समझा जाता है। कई लोग छोटे बच्चों और शिशुओं को लेकर मेले में पहुंचते हैं। यह भगवान नृसिंह और भगवान प्रहलाद से जुड़े प्रसंग पर आधारित मेला है।
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