शहरी क्षेत्र में अजमेर विकास प्राधिकरण, नगर निगम एवं कुछ हिस्सों में सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से सड़कों का निर्माण, मेंटिनेंस के नाम पर मरम्मत, पेचवर्क आदि कार्य करवाया जा रहा है। एक वर्ष में ही करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं मगर सड़कों पर गड्ढे एवं पाइप लाइनें बिछाने के बाद उन पर पेचवर्क या मरम्मत का काम आज तक नहीं हुआ है। सिविल लाइन्स क्षेत्र में संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर के आवास के सामने सड़क क्षतिग्रस्त हैं। जिला परिषद के गेट के सामने सड़क टूटी हुई तो सामने दूसरी छोर पर नाले के फेरोकवर क्षतिग्रस्त हैं। इससे सड़क दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। वहीं सीपीडब्ल्यूडी के बाहर स्पीड ब्रेकर के पास सड़क पर गड्ढा पड़ा है।
विभागों में तालमेल का अभाव स्मार्टसिटी बन रहे इस शहर में सबसे बड़ी परेशानी यह है कि विभागों में आपसी तालमेल नहीं है। विभागीय योजना, प्लान को सार्वजनिक नहीं करने या जिला स्तरीय बैठकों में शेयर नहीं करने से भी अन्य विभागों के संबंधित क्षेत्र या सड़क खुदाई कर होने वाले कार्य अलग-अलग समय सीमा में होते हैं, ऐसे में एक एजेन्सी नई सड़क या मरम्मत करती है और दूसरे विभाग या फर्म के लोग सड़कों को खोद देते हैं। प्रगतिनगर, हरिभाऊ उपाध्याय नगर हों चाहे रामनगर, दयानन्द कॉलोनी आदि क्षेत्र में ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
शहर की सड़कों पर करीब 19 करोड़ खर्च! विभागीय अधिकारियों के मुताबित विगत एक वर्ष में शहर की सड़कों के निर्माण, मरम्मत, पेचवर्क आदि पर करोड़ों रुपए खर्च हुए हैं। नगर निगम की ओर से इस वर्ष शहर में अब तक 10 करोड़ रुपए सड़कों के रख-रखाव व नवनिर्माण पर खर्च किए हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा पर और होने हैं। इसी तरह एडीए ने 1.20करोड़ रुपए मेंटिनेंस पर खर्च किए हैं। सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से करीब 8 करोड़ रुपए विभिन्न रोड और पेचवर्क, मरम्मत पर खर्च किए हैं