राजस्थान जेल विभाग की ओर से आवधिक समीक्षा की बैठकें, खुला बंदी शिविर बैठकें, स्थाई पैरोल बैठकें समय पर आयोजित होने के कारण कारागृहों की ऑक्यूपेंसी रेट(अधिभोग दर)102 प्रतिशत से घटकर 94 प्रतिशत हो गई है। कारागार विभाग राजस्थान ई-प्रिजन्स तथा पिक्स (बंदियों द्वारा एस.टी.डी.फोन पर वार्ता) के संचालन में संपूर्ण भारत में प्रथम स्थान पर है। ई-प्रिजन्स, जो कि आईसीजेएस का महत्वप ूर्ण अंग है, प्लेटफ ॉर्म पर राजस्थान जेल विभाग की ओर से वर्ष 2005 से अब तक के बंदियों के आंकड़े संधारित कर लिए हैं। पिक्स की सुविधा से बंदी अपने परिजन से प्रति सप्ताह लगभग 2.00 लाख मिनट वार्ता कर रहे हैं।
कारोना काल की व्यवस्थाओं की सराहना
कोरोनाकाल में मुलाकात बंद होने की स्थिति में राजस्थान जेल विभाग ने बंदियों की उनके परिजनों से ई-मुलाकात अर्थात् वीडियो कॉलिंग से बात कराने की सुविधा को संपूर्ण भारत में सराहा गया है। प्रदेश की विभिन्न जेलों में कोविड महामारी का प्रबंधन भी उत्कृष्ट श्रेणी का रहा है तथा वर्तमान में राÓय की सभी जेलों के बंदी तथा स्टाफ कोविड-19 से मुक्त हो चुके है।
जेल प्रशासन में नई नियुक्तियां
नई नियुक्तयों व पदोन्नतियों के फ लस्वरूप &40 अधिकारी संवर्ग के पदोंं में से 208 (61.17 प्रतिशत) पद भरे जा चुके हैं। अधीनस्थ संवर्ग के &,520 पदों में से 2,807(79.74 प्रतिशत) पद भरे हुए हैं। शेष पदों को भरने की कार्यवाही जारी है। राजस्थान में कार्मियों एवं बंदियों का अनुपात 1:6 है, जो संपूर्ण भारत में सर्वाधिक है। महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए कार्यवाही करने से विभाग में महिला कार्मिकों का प्रतिशत 19.&8 प्रतिशत हो गया है।
जेलों में चलाया जा रहा ऑपरेशन फ्लश आउट
बीते वर्ष 21 नवम्बर से जेलों में मोबाईल एवं निषिद्ध सामग्री की तस्करी तथा जेलों से आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के उद्देश्य से ‘ऑपरेशन फ्लश आउटÓ प्रारंभ किया गया है, जिसके चलते बड़ी संख्या में जेलों में चल रहे मोबाइलों को बरामद किया जा चुका है तथा जेलों से आपराधिक गतिविधियां संचालित करने वाले बंदियों को अन्य जेलों में शिफ्ट करके इन गतिविधियों पर अंकुश लगाया है। इसी प्रकार भ्रष्टाचार, मिलीभगत तथा आपराधिक गतिविधियों में लिप्त जेल कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई की गई।
निरुद्ध बंदी कर रहे नवाचार महानिदेशक जेल राजीव दासोत ने बताया कि प्रदेश की जेलोंं में निरूद्ध बंदियों के कौशल विकास, सुधार, पुर्नस्थापन, आजीविका उपार्जन आदि क्षेत्रोंं में नित नए प्रयोग एवं नवाचार किए जा रह है, जिसमें हाल ही में प्रारम्भ किया गया बंदियों द्वारा संचालित पेटोल पम्प इसका जीता-जागता उदाहरण है। साथ ही जेलों में बंदियों द्वारा रजाई, मास्क, यूनिफॉर्म, कालीन, कूलर, पेंटिंग्स आदि बनाना, ऑर्केस्ट्रा बजाना इत्यादि नवाचार किए जा रहे हैं।