भीलवाड़ा के कॉलेज में सोमवार को बीएससी प्रथम वर्ष गणित का पेपर कथित रूप से व्हाट्सएप पर वायरल होना बताया गया था। इससे नाराज हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र नारेबाजी करते हुए विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने मुख्य द्वार पर मानव श्रंखला बनाई। इसके बाद छात्र कुलपति सचिवालय पहुंचे। उन्होंने कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह के चैम्बर के बाहर ज्ञापन चिपका दिया। बाद में परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुब्रतो दत्ता को ज्ञापन देकर मामले की जांच कराने की मांग की। इस दौरान महानगर मंत्री मेहुल गर्ग, राकेश शर्मा, अंकुश राजपुरोहित, राहुल, नायरा शर्मा, हितेश सैन, रविंद्र सांखला, सर्वेश्वर गुप्ता और अन्य मौजूद थे।
यह था मामला भीलवाड़ा के एमएलवी कॉलेज में बीएससी प्रथम वर्ष गणित के पेपर के वॉट्स एप वायरल होने की घटना सामने आई थी। इसके चलते यह मामला उजागर हुआ। हालांकि यूनिवर्सिटी की आंतरिक जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन छात्रों ने इसे पेपर आउट मानते हुए प्रदर्शन किया।
कहीं यह कारण तो नहीं…. पिछले दिनों कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने अधिकारियों के बजाय रिमोट सेंसिंग विभागाध्यक्ष प्रो. सुब्रतो दत्ता को परीक्षा नियंत्रक पद सौंपा है। इस कदम से कई अफसर अंदरूनी स्तर पर नाराज हैं। कुछेक ने तो राजभवन में जाकर शिकायतें भी की है। इससे कुलपति प्रो. सिंह भी वाकिफ हैं। पेपर वायरल मामले को भी प्रशासन इससे जोड़कर देख रहा है। कुलपति ने घटनाक्रम की अंदरूनी छानबीन करने को भी कहा है। उन्होंने साफ किया है, कि इसमें गलती कॉलेज या किसी स्तर पर सामने आई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी हो चुके मामले यूनिवर्सिटी में परीक्षाओं के दौरान गड़बड़ी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले टी.आर. कांड हो चुका है। इसके तहत कुछेक कार्मिकों के सिगरेट पीने से कथित तौर पर कुछ परीक्षाओं के टी.आर. जल गए थे। इसी तरह साल 2004 में कॉपियों में पन्ने बदलने का मामला सामने आया था। 2005 में बस में दो परीक्षाओं के पेपर खोलने का मामला उजागर हुआ था। इसके अलावा पाली जिले में बस से उत्तर पुस्तिकाओ के बंडल गिरने की घटना हुई थी। इसी तरह करीब 125 विद्यार्थियों के अंको में हेराफेरी का मामला भी काफी चर्चित रहा था।
पूरे मामले की छानबीन जारी है। हमने भीलवाड़ा कॉलेज में भी पूछताछ की है। टीम भेजकर इसकी जांच भी कराएंगे। -प्रो. सुब्रतो दत्ता परीक्षा नियंत्रक मदस विवि