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सीबीएसई के रिजल्ट का इंतजार, कई इंस्टीट्यूट की टिकी है नजरें

locationअजमेरPublished: Jul 12, 2020 07:52:36 am

Submitted by:

raktim tiwari

संस्थानों की नजरें भी परिणाम पर टिकी हैं। बोर्ड के नतीजों के अनुसार संस्थानों में प्रवेश होंगे।

cbse results 2020

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अजमेर.

सीबीएसई दसवीं और बारहवीं के नतीजों का विद्यार्थियों को इंतजार है। आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेज सहित कई उच्च शिक्षण संस्थानों की नजरें भी परिणाम पर टिकी हैं। बोर्ड के नतीजों के अनुसार संस्थानों में प्रवेश होंगे।
परिजनों की सुप्रीम कोर्ट में याचिका के बाद बोर्ड ने दसवीं-बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित कर चुका है। दसवीं और बारहवीं में 30 लाख 96 हजार 771 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। जुटा नतीजे तैयार करने मेंदसवीं अथवा बारहवीं कक्षा के कई विद्यार्थियों की विषयवार पेपर 19 मार्च से पहले खत्म हो चुकी थीं। इनका परिणाम कॉपियों के मूल्यांकन के अनुसार तैयार कर जारी किया जा रहा है।
संस्थानों को है इंतजार
सीबीएसई के बारहवीं और दसवीं के नतीजों का देशभर में इंतजार है। यूं तो आईआईटी, एनआईटी में जेईई मेन और जेईई एडवांस, मेडिकल कॉलेज में नीट, मैनेजमेंट संस्थानों में सीमैट से दाखिले होते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते सभी प्रवेश परीक्षाओं पर संकट मंडराया हुआ है। लिहाजा सीबीएसई के बारहवीं के नतीजों पर सभी संस्थानों की नजरें टिकी हैं।
देश में कुल पंजीकृत विद्यार्थी-32 लाख
अजमेर रीजन में पंजीकृत विद्यार्थी
बारहवीं-1.14 लाख
दसवीं.90 हजार
(राजस्थान और गुजरात)

बारहवीं में यह रहेगी व्यवस्था
-जो विद्यार्थी तीन से ज्यादा विषयों की परीक्षाएं दे चुके हैं, उन्हें बकाया विषयों में पूर्व की तीन आंतरिक परीक्षाओं के मूल्यांकन के आधार पर अंक दिए जाएंगे।
-ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने सिर्फ तीन विषयों की परीक्षाएं दी हैं, उन्हें बकाया दो विषयों में पूर्व की आंतरिक परीक्षाओं के मूल्यांकन के आधार पर अंक दिए जाएंगे।
-विशेषतौर पर दिल्ली या किसी रीजन जहां विद्यार्थियों ने सिर्फ एक या दो पेपर ही दिए हैं। इन्हें प्रायोगिक परीक्षा, प्रोजेक्ट और तीन आंतरिक परीक्षाओं के मूल्यांकन के आधार पर अंक दिए जाएंगे।
81 दिन में चाहिए 496.75 मिलीमीटर बरसात

रक्तिम तिवारी/अजमेर. मानसून की रफ्तार धीमी चल रही है। अजमेर जिले को औसत आंकड़ा पूरा करने के लिए 81 दिन में 496.75 मिलीमीटर बरसात चाहिए।

प्रदेश और जिले में मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। इस दौरान होने वाली बरसात से खेतों में सिंचाई, तालाबों-बांधों में पानी आता है। साथ ही साल भर जलापूर्ति के लिए पानी मिलता है। इस लिहाज से मानसून के 41 दिन बीत चुके हैं। जिले में 1 जून से अब तक महज 53.25 मिलीमीटर बरसात हुई है। इस वर्ष मानसून के 81 दिन और बचे हैं। इस दौरान जिले को 496.75 मिलीमीटर बारिश की जरूरत होगी। यही बारिश जिले के लिए वरदान साबित होगी।

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