तनाव के चलते बढ़े मामले आत्महत्या के पीछे अवसाद एक बड़ा कारण है। युवाओं व बच्चों में अलग-अलग कारण हो सकते हैं। किसी को लगता है कि उसके होने, न होने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। कई बार व्यक्ति जब लंबे समय से तनाव से गुजर रहा होता है, तो वह खुदकुशी जैसे गलत कदम उठाने की सोचता है। जब हर ओर उसे नाउम्मीदी दिखती है तो वह ऐसा कदम उठा लेता है। कुछ बच्चे तो बड़ों की डांट से ही ऐसा कदम उठा लेते हैं। किशोरों में पढ़ाई का तनाव या अन्य कोई कारण भी आत्महत्या की वजह बनता है।
ओवरथिंकिंग भी बड़ा कारण
मनोचिकित्सकों का मानना है कि ओवरथिंकिंग भी एक बड़ा कारण है। जरूरत से ज्यादा सोचना हमें अवसाद में धकेल सकता है। कई चीजें हमारे हाथ में नहीं होतीं, उसे समय पर छोड़ देना बेहतर है। हमने अपने हिस्से की मेहनत की, कोशिश की, बस इसे पूरा करें। जीवन में संतुष्टि बहुत जरूरी है।
मनोचिकित्सकों का मानना है कि ओवरथिंकिंग भी एक बड़ा कारण है। जरूरत से ज्यादा सोचना हमें अवसाद में धकेल सकता है। कई चीजें हमारे हाथ में नहीं होतीं, उसे समय पर छोड़ देना बेहतर है। हमने अपने हिस्से की मेहनत की, कोशिश की, बस इसे पूरा करें। जीवन में संतुष्टि बहुत जरूरी है।
बीमारी के कारण दी सबसे ज्यादा जान देश में वर्ष 2022 में बीमारी के कारण सबसे ज्यादा लोगों ने जान दी। वैवाहिक विवादों के चलते जान देने वाले 8164 लोग थे। इनमें शादी में दिक्कतों के कारण 2800, दहेज के कारण 1774, एक्सट्रा मेरिटल अफेयर के कारण 1417, तलाक के कारण 582 व अन्य शादी सम्बंधी विवादों में 1591 जनों ने आत्महत्या की।
इनका कहना है…
मार्च एवं अप्रेल माह में दुनिया में सबसे ज्यादा आत्महत्या के केस होते हैं। इसका रिसर्च में भी खुलासा हुआ है। इस समय मौसम में बदलाव के कारण न्यूरो रसायन डोपामिन लेवल बढ़ जाता है। इससे उन्माद, बैचेनी बढ़ जाती है। इम्पल्स बढ़ जाती है। मन अस्थिर हो जाता है। ऐसी स्थिति में आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं।
– डॉ. महेन्द्र जैन, विभागाध्यक्ष, मानसिक रोग विभाग, जेएलएन अस्पताल