मुंजाल ने कहा कि देश ने शिक्षा, विज्ञान, आर्थिक-वाणिज्यिक क्षेत्र में जबरदस्त तरक्की की है। दुनिया में लोग कहने लगे हैं भारत में कुछ न कुछ हो रहा है। हम तेजी से बढ़ती आर्थिक शक्ति, सैन्य संसाधनों की तरक्की और लोकतंत्र के बूते अग्रणीय हैं। लेकिन हमें प्राचीन संस्कृति, मूल्यों, पारिवारिक रीति-रिवाजों को भी बनाए रखना है। दुर्भाग्य से हम संस्कृति और मूल्यों को भुला रहे हैं।
जबकि किसी भी राष्ट्र की यह सबसे बड़ी पूंजी होती है। उन्होंने युवाओं से कहा कि कॅरियर में डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, आईएएस और अन्य क्षेत्रो के अलावा भी कई विकल्प हैं। बच्चे चाहें तो अच्छे व्यापारी, आर्थिक विश्लेषक, चित्रकार, सेवा प्रदाता, उद्यमी बन सकते हैं। उन्हें केवल अपने हुनर-कौशल और ज्ञान को परखने एवं मेहनत करने की जरूरत है।
बदलनी पड़ेगी चलता है..अवधारणा मुंजाल ने कहा कि देश में आईटी, डिजिटल क्रांति के बूते बैंक, व्यापार, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में नवाचार हुए हैं। हमारे यहां चलता है…कि अवधारणा बनी हुई है। लेकिन इसे बदलने की जरूरत है। उच्च एवं तकनीकी, चिकित्सा, डिप्लोमा और अन्य शैक्षिक प्रसार तेजी से हुआ है। शिक्षित युवाओं की संख्या भी बढ़ी है। लेकिन उसके अनुपात में युवाओं के पास कौशल का अभाव दिखता है। विद्यार्थियों-युवाओं को कौशल विकास सर्वाधिक जोर दना चाहिए।
जीवन में सिखाती हैं चुनौतियां
मुंजाल ने कहा कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव, नफा-नुकसान में सीख देते हंैं। विपरीत परिस्थितियों से भागने, घबराने के बजाय उनका मुकाबला करना चाहिए। खासतौर पर भावी पीढ़ी की राह आसान नहीं है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उन्हें ढेरों चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। अभिभावकों और शिक्षकों को बदलते माहौलके अनुसार छात्र-छात्राओं को मानसिक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत है। यह रहे मौजूदपूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पूर्व सांसद इज्येराज सिंह, मयूर स्कूल के प्राचार्य अधिराज सिंह, मेयो कॉलेज के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एस. एच.कुलकर्णी और अन्य मौजूद रहे।
मुंजाल ने कहा कि जिंदगी में उतार-चढ़ाव, नफा-नुकसान में सीख देते हंैं। विपरीत परिस्थितियों से भागने, घबराने के बजाय उनका मुकाबला करना चाहिए। खासतौर पर भावी पीढ़ी की राह आसान नहीं है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में उन्हें ढेरों चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। अभिभावकों और शिक्षकों को बदलते माहौलके अनुसार छात्र-छात्राओं को मानसिक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत है। यह रहे मौजूदपूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह, पूर्व सांसद इज्येराज सिंह, मयूर स्कूल के प्राचार्य अधिराज सिंह, मेयो कॉलेज के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल एस. एच.कुलकर्णी और अन्य मौजूद रहे।