देवनानी ने कहा कि शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा को जौहर व सती प्रथा में अंतर नहीं मालूम है। उनके बयान से कांग्रेस में भी अंन्तद्र्वद्ध है, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, पूर्व विधानसभाध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत, गोपालसिंह ईड़वा ने भी उनका विरोध किया है।
देवनानी ने कहा कि डोटासरा ने गणित विषय पर सवाल खड़ा किया जबकि जेईई, नीट आदि में हमारे बच्चों ने परचम फहराया है, यह लाखों विद्यार्थियों एवं शिक्षकों का अपमान है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटें हार चुकी है और यह हताशा की वजह से ऐसे बयान दे रहे हैं। उन्होंने तंज कसा कि शिक्षा राज्यमंत्री डोटासरा ने बिना जानकारी करवाए बयान दे दिया कि भूगोल के पाठ में नक्शे से कश्मीर व सिक्किम को हटा दिया जबकि संबंधित नक्शा समुद्रगुप्त के राज्य विस्तार का था।
कांग्रेस ने पाठ्यक्रम में बदलाव गैर संवैधानिक देवनानी ने बताया कि कांग्रेस की ओर से पाठ्यक्रम में बदलाव गैर संवैधानिक तरीके से किया गया है। पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए बोर्ड अध्यक्ष विषय कमेटियों का गठन करती है, बाद में करिकुलम समिति प्रस्ताव को हरी झंडी देकर विषयाध्यापकों को पाठ्यक्रम लिखने को कहती है। वर्तमान में स्थायी बोर्ड अध्यक्ष है ही नहीं है। कांग्रेस ने राजीव शिक्षा ग्रुप के कुछ अध्यापकों/सदस्यों के माध्यम से पाठ्क्रम में बदलाव किया है जो गैर संवैधानिक है।