यह है मामला रविवार देर रात्रि देवदासकापुरा निवासी रामरूप पुत्र अजब सिंह पर फिरोजाबाद से आते समय उसके ही ताऊ, चचेरे भाई और 3,4 अन्य लोगों ने घेर कर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। जिसमें उसे चार गोलियां लगीं और वह जीवन के लिए अभी तक संघर्ष कर रहा है। करीब पांच माह पूर्व उसके बड़े भाई गंगाराम का भी मामूली विवाद में इन्हीं आरोपितों ने ही कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। अब वे हत्या के प्रकरण में पीडि़त से राजीनामा का दबाव बनाने के लिए लंबे समय से धमकियां दे रहे थे। मना करने पर रामरूप पर भी फायरिंग कर दी। आरोप है कि इसके बाद पीडि़त परिवार को सुरक्षा देने की जगह गांव पहुंचे पलिस अधिकारियों ने कहा कि अपने औजार (हथियार) निकाल लो और एक-एक कर अपनी छतों पर जाग कर पहरा दो। जिससे आरोपित पुन: हमला न कर सकें।
संवेदनशीलता पर उठे सवाल इस सारे प्रकरण में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जहां एक परिवार ने अपने ज्येष्ठ पुत्र की अपने सामने ही हत्या देखी। दूसरे पुत्र को भी चार गोलियों के घावों के बीच जीवन की लड़ाई लड़ते देख रहे हैं। उससे भी बड़ी जिम्मेदारी दोनों पुत्रों के 5 मासूम बच्चों की सुरक्षा की सता रही है। इनके अपहरण की धमकियां भी आरोपित पहले से ही दे रहे थे। जिसके चलते मासूमों को उनके विद्यालयों से भी दूर कर दिया गया है। ऐसे परिवार को सुरक्षा देने की जगह अवैध हथियारों का इस्तेमाल कर अपनी सुरक्षा करने को कहा जा रहा है।
इनका कहना है सभी आरोप गलत हैं। पुलिस ने पूर्व में पीडि़त परिवार को गार्ड उपलब्ध कराए थे। अब सभी आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।
- अजय सिंह, थाना प्रभारी, राजाखेड़ा