टाटा पावर की ओर से विज्ञापन के जरिए जारी स्पष्टीकरण के अनुसार जनवरी से लेकर मई माह तक अधिक वसूली गई राशि भी कम्पनी उपभोक्ताओं को लौटाएगी। टाटा पावर ने मैटेरियल के पेटे अधिक राशि वसूली के मामले को तकनीकी खामी बताया है। हालांकि राजस्थान पत्रिका में मामला उजागर होने से पूर्व टाटा पावर के अधिकारी टाटा पावर की मैटेरियल रेट अजमेर डिस्कॉम के सामान ही होने का दावा कर रहे थे।
लेकिन टाटा की कारगुजारी सामने आने के बाद कम्पनी को अपनी दरों में संशोधन करते हुए नई दरें जारी करनी पड़ी हैं। वहीं अब ऐसे उपभोक्ताओं को चिह्नित किया जा रहा है जिनसे अधिक राशि वसूल की गई है। टाटा के अनुसार वसूली गई अधिक राशि का समायोजन बिलों में किया जाएगा।
इन पर हो रही थी अधिक वसूली टाटा पावर की ओर से उपभोक्ता के कनेक्शन, शिफ्टिंग, पोल लगवाने, केबल लगावाने सहित अन्य कार्य के लिए खम्भे, तार, केबल कंडक्टर तथा आरएमयू सहित 31 आइटम पर 20-25 फीसदी अधिक राशि की वसूली कर रहा था। इससे टाटा से कनेक्शन लेने सहित अन्य काम करवाने में उपभोक्ता की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा था।
पत्रिका ने किया था उजागर मैटेरियल के नाम पर उपभोक्ताओं से अधिक राशि वसूले जाने का मामला राजस्थान पत्रिका ने 8 मई के अंक में ‘टाटा पावर से कनेक्शन लेना उपभोक्ताओं को पड़ रहा भारीÓ शीर्षक से प्रकाशित कर किया था। इसमें टाटा पावर तथा अजमेर डिस्कॉम की स्टोर रेट का तुलनात्मक विवरण भी प्रस्तुत किया गया था। इस मामले को निगम प्रबन्धन ने गंभीरता से लिया है।
अप्रेल से हमने सैप के जरिए डिमांड जारी करना शुरू कर दिया है। अगर मानवीय भूल से किसी से अधिक राशि ली गई तो उसे लौटाया जाएगा। हमने विज्ञापन भी जारी किया है। -आलोक श्रीवास्तव, कार्पोरेट हैड टाटा पावर अजमेर