प्रधानध्यापक संघर्ष समिति के दिनेश सिंह, भगीरथ गोदारा, प्रेमप्रकाश, हेमंत कुमार, राकेश कुमार और अन्य ने सचिव पी. सी. बेरवाल को दिए ज्ञापन में बताया कि प्रदेश के सातों संभाग मुख्यालयों पर बीते वर्ष 2 सितंबर को प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसमें सामान्य ज्ञान और जनरल अवेयरनेस का पेपर लिया गया।
आयोग ने 1200 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा कराई। आयोग अभ्यर्थियों से आपत्तियां भी मांग चुका है। चार माह बाद भी परिणाम जारी नहीं किया है। कई बार संपर्क करने के बावजूद आयोग सिर्फ आश्वासन दे रहा है। इससे पूर्व अभ्यर्थियों ने आयोग कार्यालय के निकट धरना दिया। इस दौरान नरेंद्र कुमार, शिव कुमार, मदन गोदारा, मुरलीधर सैनी, प्रदीप भादू, हनुमान, अचलाराम, नरसीराम और अन्य मौजूद रहे।
तैयार हो रहा है परिणाम
आयोग की मानें तो प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2018 का परिणाम तैयार हो रहा है। परिणाम को लेकर प्रशासन किसी जल्दबाजी का पक्षधर नहीं है। सभी तकनीकी पहलुओं के परीक्षण, उत्तर पुस्तिकाओं की पुख्ता जांच के बाद ही आयोग नतीजा जारी करेगा। मालूम हो कि परीक्षा के लिए आयोग को करीब 87 हजार 596 आवेदन मिले थे। इसकी पहली पारी में 72 हजार 049 और दूसरी पारी में 71 हजार 854 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
आयोग की मानें तो प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा-2018 का परिणाम तैयार हो रहा है। परिणाम को लेकर प्रशासन किसी जल्दबाजी का पक्षधर नहीं है। सभी तकनीकी पहलुओं के परीक्षण, उत्तर पुस्तिकाओं की पुख्ता जांच के बाद ही आयोग नतीजा जारी करेगा। मालूम हो कि परीक्षा के लिए आयोग को करीब 87 हजार 596 आवेदन मिले थे। इसकी पहली पारी में 72 हजार 049 और दूसरी पारी में 71 हजार 854 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।