नसीराबाद रोड स्थित मिशनरी स्कूल के शिक्षकों का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को जिला कलक्टर से मुलाकात करने पहुंचा। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बताया कि स्कूल के सीबीएसई से सम्बद्धता के बाद प्रबंधन ने उन्हें वेतनमान और अन्य सुविधाएं यथावत रखने की बात कही थी। साथ ही मूल वेतन और अन्य भत्ते राज्य सरकार के नियमानुसार दिए जाने का आश्वासन भी दिया गया।
स्कूल शिक्षकों का वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी का तर्क देकर प्रतिवर्ष फीस वृद्धि कर रहा है। लेकिन हकीकत में वेतनमान और ग्रेड-पे नहीं दिए जा रहे हैं।बीती जुलाई में स्कूल प्रबंधन ने एक नियमावली जारी कर दी। इसमें साफ कहा गया है, कि नियमों की पालना नहीं करने वाले शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की जाएंगी।
साथ ही विरोध करने पर नियमानुसार कार्रवाई करने की कथित धमकी दी गई। कई शिक्षकों को चेतावनी पत्र भी जारी किए गए। स्कूल प्रशासन ने बातचीत करने से भी इन्कार कर दिया। राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णनन के पदाधिकारियों से संपर्क करने के बावजूद स्कूल ने कोई वार्ता नहीं की है। साथ ही पिछले दिनों चेतावनी पत्र देकर कार्रवाई की बात कही गई है।
समझें बेटियां का मोल, यह परिवार के लिए अनमोल बेटियां देश, समाज और परिवार के लिए अनमोल हैं। हमें कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराध को रोककर बेटियों का संरक्षण करना चाहिए। यह बात सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय की प्राणी शास्त्र विभाग की सह आचार्य डॉ. रीना व्यास ने घूघरा ग्राम पंचायत में आयोजित बेटी पंचायत कार्यक्रम के तहत कही।
डॉ. व्यास ने कहा कि बेटियां किसी भी परिवार, देश और समाज के लिए जरूरी हैं। कन्या भ्रूण हत्या कलंकित अपराध है। बच्चियों को कोख में कत्ल करने के बजाय उन्हें दुनिया में आने देना चाहिए। बेटियों का सही तरीके से लालन-पालन और शिक्षा सुविधा मिले तो वह परिवार का नाम रोशन कर सकती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और सरकार ने जागरुकता के लिए बेटियां अनमोल कार्यक्रम चलाया है। बेटी पंचायत के आयोजन का मकसद भी लोगों को जागरुक करना है। इस दौरान डैप रक्षकों ने वीडियो के माध्यम से बेटी बचाओ कार्यक्रम की जानकारी दी। ग्रामीणों को कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम की शपथ दिलाई गई। स्कूली विद्यार्थियों को भी बेटियों की महत्ता, पोषण युक्त भोजन और स्वास्थ्य संबंधित जानकारी दी गई। घूघरा सरपंच पूजा भंसाली, बीना ओझा, सीमा गुर्जर, डॉ. अनिता खुराान, मोहन चौहान, कृष्णराम और अन्य मौजूद रहे।