जवाहर लाल नेहरू अस्पताल की कैज्युल्टी में चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ की टीम जहां झुलसे लोगों के उपचार में जाूझ रही थी तो प्रशासन व पुलिस का अमला हर तरह की सहायता और सार-संभाल को अस्पताल में मौजूद रहा। शाम करीब 7 बजे बाद अस्पताल में झुलसे लोगों के परिजन एवं अन्य लोगों का तांता लग गया। पेट्रोल पंप पर आईओसी की व्यवस्थाओं को कोसते लोगों की जुबां पर सिर्फ अपनों का हाल कैसा है…क्या वह बोल रहा है? कितना झुलसा है..? मुझे एक बार दिखा दो…? जैसे सवाल थे।
मृतक का भाई हुआ बदहवास पुलिस व पेट्रोल पंप संचालकों एवं ट्रक के खलासी के बताए अनुसार झुलसकर मरने वाले शब्बीर की जानकारी के बाद मृतक का भाई उसे एक बार देख लेने की जिद पर अड़ा रहा। बमुश्किल परिवार के अन्य सदस्य मोर्चरी में उसे लेकर गए लेकिन पहचान के नाम पर मृतक से शरीर पर सिर्फ कंकाल ही नजर आया।
एसपी से कहा..वह मेरा भाई नहीं. . .! मोर्चरी में शव देखकर आने के बाद मृतक शब्बीर के बदहवास हुए भाई ने अस्पताल में मौजूद पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा को मरने वाला उसका भाई नहीं होना बता दिया। उसकी कद-काठी से वह नहीं है। भाई का चेहरा भी चौड़ा है। इस पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इसके लिए डीएनए टेस्ट हो जाएगा। वहीं खड़ी सीओ (साउथ) प्रियंका रघुवंशी ने बताया कि वह शब्बीर ही है, थोड़ा समय दो… आप बैठो। साथ आए युवक को मृतक के भाई को संभालने व ढांढस बंधाने की बात कही।
काश ! भाई कैश संभालने का ही काम करता ! पेट्रोल पंप मालिक का भाई विधायक अनिता भदेल, पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह को हादसा बताते हुए फफक पड़ा। उन्होंने कहा कि भाई व पोता हमेशा कैश ही संभालते रहे हैं। व्यवस्था पेट्रोल पंप के ऑफिस से ही संभालते रहे हैं। वे फिलिंग कार्य के दौरान पास चले गए और ब्लॉस्ट होने से गंभीर रूप से झुलस गए।