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Teej pujan: महिलाओं ने मनाई कजली तीज, मुश्किल से दिखा चंद्रमा

locationअजमेरPublished: Aug 07, 2020 07:44:14 am

Submitted by:

raktim tiwari

तीज की कथा-कहानी सुनी और पूजा-अर्चना कर परिवार में खुशहाली की कामना की।

teej vrat pujan

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अजमेर.

महिलाओं ने पारम्परिक रूप से सातुड़ी तीज (कजली) मनाई। महिलाओं ने व्रत-उपवास रखा और पूजा-अर्चना कर कथा सुनी। बादलों की उमड़-घुमड़ के चलते महिलाओं को चंद्रमा के दर्शन में परेशानी भी हुई। रात को चंद्रमा की झलक दिखने पर महिलाओं ने अघ्र्य देकर भोजन किया।
भादौ माह की कृष्ण तृतीया को महिलाओं ने सातुड़ी तीज पर व्रत और उपवास रखा। शाम को घरों-मोहल्लों में महिलाओं ने तीज की कथा-कहानी सुनी और पूजा-अर्चना कर परिवार में खुशहाली की कामना की। ब्यावर रोड चन्द्रवरदाई नगर स्थित पूज्य सिन्धी पंचायत हरि ओम कालोनी में महिलाओं ने टीजडी पर्व मनाया। महिलाओं ने पूजन कर कथा श्रवण किया। गायक ललित भगत ने कथा का महत्व और पूजन विधि समझाई गई। वर्षा दुहिलानी,जसोता लालवानी, प्रियंका गुवालानी, देवी टहिलयानी, चन्दा मंगलानी और अन्य मौजूद रहे।
पुराने कोर्स में किया बदलाव, यूं मिलेगा स्टूडेंट्स को फायदा

अजमेर. राष्ट्रीय शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ने नए कौशल और रोजगारोन्मुखी कोर्स शुरू किए हैं। इनसे विद्यार्थियों को कॅरियर में फायदा मिलेगा। यह बात कुलपति प्रो. आर. पी.सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर के कई पाठ्यक्रम संचालित हैं। समयानुकूल इनमें नवाचार जरूरी हैं। विवि ने नए शुरू हुए एमएससी भूगोल में रिमोट सेंसिंग, जीपीएस, रीजनल प्लानिंग जैसे बिंदू शामिल किए गए हैं। युवाओं के रोजगार को देखते हुए पर्यारवण विज्ञान विभाग में बीएससी ऑनर्स कोर्स शुरू किया गया है। इसमें बारहवीं पास विद्यार्थियों को मेरिट आधार परदाखिले मिलेंगे। इसी तरह एमएससी माइक्रोबायलॉजी और बायोटेक्निलॉजी में जैव तकनीक, मेडिकल माइक्रोबायॉलोजी और अन्य तकनीक पढ़ाई जाएंगी।
चलेंगे यह पाठ्यक्रम
बैचलर ऑफ फाइन आट्र्स के तहत टेक्सटाइल डिजाइनिंग, मूर्तिकला, व्यावसायिक कला, ड्राइंग एन्ड पेंटिंग, फोटोग्राफी, मास्टर ऑफ फाइन आट्र्स में ड्राइंग एन्ड पेंटिंग और म्यजिक विषय शुरू किए गए हैं। पत्रकारिता विभाग में भी शीघ्र सांध्यकालीन एक्जीक्यूटिव पाठ्यक्रम चलाया जाएगा। विभाग का ऑडियो-विज्युएल स्टूडियो जल्द तैयार होगा। सभी पुराने और नए पाठ्यक्रमों में यूजीसी के निर्देशानुसार च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया है। विद्यार्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।

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